Do roohan de ikk hon di misal e
Mohobbat ch milap ek esa vi kamal e..!!
ਦੋ ਰੂਹਾਂ ਦੇ ਇੱਕ ਹੋਣ ਦੀ ਮਿਸਾਲ ਏ
ਮੋਹੁੱਬਤ ‘ਚ ਮਿਲਾਪ ਇੱਕ ਐਸਾ ਵੀ ਕਮਾਲ ਏ..!!
Do roohan de ikk hon di misal e
Mohobbat ch milap ek esa vi kamal e..!!
ਦੋ ਰੂਹਾਂ ਦੇ ਇੱਕ ਹੋਣ ਦੀ ਮਿਸਾਲ ਏ
ਮੋਹੁੱਬਤ ‘ਚ ਮਿਲਾਪ ਇੱਕ ਐਸਾ ਵੀ ਕਮਾਲ ਏ..!!
Kujh ku tasveera v ne tere ghar pishle baag diyaa
kujh sufne tuttde te kujh tandaa jagdiyaa
ਕੁਝ ਕੁ ਤਸਵੀਰਾਂ ਵੀ ਨੇ ਤੇਰੇ ਘਰ ਪਿਛਲੇ ਬਾਗ ਦੀਆਂ
ਕੁਝ ਸੁਫਨੇ ਟੁੱਟਦੇ ਤੇ ਕੁਝ ਤੰਦਾਂ ਜਾਗਦੀਆਂ
देखा तो तुझे जब पहली बार मैंने,
अपनी आंखों पर न किया था एतबार मैंने,
क्या होता है कोई इतना भी खूबसूरत,
यही पूछा था खुदा से बार-बार मैंने।
तेरे नीले नीले नैनो ने किया था काला जादू मुझ पर,
यूं ही तो नहीं खो दिया था करार मैंने।
कायदा इश्क जब से पड़ा है,
इल्म बस इतना बचा है मुझ में,
फकत नाम तेरा मैं लिख लेता हूं, पढ़ लेता हूं।
आग बरसे चारों तरफ इस जमाने के लिए,
मेरी आंखों की नमी में हो पनाह किसी को छिपाने के लिए।
वो है खुदगर्ज बड़ी मैं जानता हूं,
लौट आएगी फिर से खुद को बचाने के लिए।
मिजाज हो गए तल्ख जब मतलब निकल गया,
ना हुई दुआ कबूल तो मजहब बदल गया।
वो जो कहते थे कि मेरी चाहत कि खुदा तुम हो,
कभी बदली उनकी चाहत कभी खुदा बदल गया।
चल मान लिया कोई तुझसे प्यारी नहीं होगी,
पर शर्त लगा लो तुम से भी वफादारी नहीं होगी।
तेरी बेवफाई ने मेरा इलाज कर दिया है,
पक्का अब हमें फिर से इश्क की बीमारी नहीं होगी।
प्यार जब भी हुआ तुमसे ही हुआ,
कोशिश बहुत की मैंने किसी और को चाहने की।
एक तो तेरा इश्क था ही और एक मैंने आ पकड़ा,
अब कोई कोशिश भी ना करना मुझ को बचाने की।
यह जो आज हम उजड़े उजड़े फिरते हैं,
हसरतें बहुत थी हमें भी दुनिया बसाने की।
मुझे आज भी तुमसे कोई गिला नहीं है,
दस्तूर ही कहां बचा है मोहब्बत निभाने का।
इस शहर में मुर्दों की तादाद बहुत है,
कौन कहता है कि ये आबाद बहुत है,
जुल्मों के खिलाफ यहां कोई नहीं बोलता,
बाद में करते सभी बात बहुत हैं।
मेरे छोटे से इस दिल में जज्बात बहुत हैं,
नींद नहीं है आंखों में ख्वाबों की बरसात बहुत है।
राह नहीं, मंजिल नहीं, पैर नहीं कुछ भी नहीं,
मुझे चलने के लिए तेरा साथ बहुत है।
दूर होकर भी तू मेरे पास बहुत है,
सगा तो नहीं मेरी पर तू खास बहुत है।
जिनकी टूट चुकी उनको छोड़ो बस,
हमें तो आज भी उनसे आस बहुत है।