Enjoy Every Movement of life!
Dhadkan meri bechen rehti hai aajkal
kyuki tere begair yeh dhadakti kam aur tadapti yada hai
धड़कने मेरी बेचैन रहती है आजकल,
क्यूंकि तेरे बगैर ये धड़कती कम और तड़पती ज्यादा है.
और फिर कब तक वहा रहता मैं
और कब तक कुछ ना कहता मै
फिर मैने वो बोल ही दिया
कब तक यू चुप चाप रहता मैं
और फिर मरना ही मुनासिब समझा हमने
आखिर के तक ये सब सहता मैं
