Kya haseen itefaq tha teri gali mein aane ka,
Kisi kaam se aaye the, kisi kaam ke nahi rahe…😊🥀
क्या हसीन इत्तेफ़ाक था तेरी गली में आने का,
किसी काम से आये थे, किसी काम के नहीं रहे…😊🥀
Kya haseen itefaq tha teri gali mein aane ka,
Kisi kaam se aaye the, kisi kaam ke nahi rahe…😊🥀
क्या हसीन इत्तेफ़ाक था तेरी गली में आने का,
किसी काम से आये थे, किसी काम के नहीं रहे…😊🥀
शाम बीती और रात हुई, गमों की फिर बरसात हुई..
तुझे भुलने को फिर से जाम पिया, गलती फिर मेरे हाथ हुई..
फिर से बहक गए लफ्ज मेरे, लफ्जों पे फिर से दात हुई..
दिलजले थे वहां कई मुझ जैसे, उनकी भी इश्क में मात हुई..
वही एक तरह का हर किस्सा, इश्क की भी भला कोई जात हुई..
हर कहानी ख़ुशी से शुरू हुई, ख़तम आंसुओं के साथ हुई..
महफिल को छोड़ चले घर की ओर, तन्हाई से फिर मुलाकात हुई..
तेरी याद बढ़ गई हर जाम के साथ, भला ये भी कोई बात हुई..
Chah k v ni kr skda, koi aisi baat likha,
Jide krke tuttya mai, oh tuttya jazbaat likha