
Supneya naal sajji ikk rath howe..!!
Sama te pal dowein ruke jehe laggan
Hathan ch mere tera hath howe..!!
Menu tere jeha tu iklota hi e
Ikk tu rahe kol nahio lod sab di..!!
Tere jeha yaar milaya ohne reham kar k
Khide mathe sawikar kara daat rabb di..!!
ਮੈਨੂੰ ਤੇਰੇ ਜਿਹਾ ਤੂੰ ਇਕਲੌਤਾ ਹੀ ਏ
ਇੱਕ ਤੂੰ ਰਹੇ ਕੋਲ ਨਹੀਂਓ ਲੋੜ ਸਭ ਦੀ..!!
ਤੇਰੇ ਜਿਹਾ ਯਾਰ ਮਿਲਾਇਆ ਓਹਨੇ ਰਹਿਮ ਕਰ ਕੇ
ਖਿੜੇ ਮੱਥੇ ਸਵੀਕਾਰ ਕਰਾਂ ਦਾਤ ਰੱਬ ਦੀ..!!
राजनीति की दुनिया में खेल बहुत है,
कोई जीता है, कोई हारा है।
सत्ता की भूख और वाद-विवाद,
मन में जलती चिंगारी है।
राजनेताओं की रंगीन छलावा,
जनता को वहमों में बँधाता है।
कुछ वादे खाली और कुछ झूले धूले,
आम आदमी को खोखला बनाता है।
वाद-विवाद के आगे सच्चाई छिपती,
लोकतंत्र की मूल्यों पर भारी है।
शोर और तामझाम में खो गई है,
सम्मान, सद्भाव और आदर्शि है।
नीतिबद्धता और समर्पण की कमी,
राजनीति को कर रही है मिट्टी।
सच्ची सेवा की बजाए प्रतिष्ठा,
हौसले को तोड़ रही है मिट्टी।
चाहे जितना बदले युगों का सफ़र,
राजनीति का रंग हर बार वही।
प्रशासनिक शक्ति की लालसा में,
जनता भूल जाती है खुद को वही।