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Intezaar karanga || punjabi wait shayari

ਮੈਂ ਤੇਰਾਂ ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਕਰਾਂਗਾ ਤੂੰ ਮੇਰਾ ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਕਰੀਂ
ਥੋੜਾ ਰਖ ਕੇ ਖਿਆਲ ਮੇਰਾ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਨਾਲ ਨਾ ਪਆਰ ਕਰੀਂ ਹਰ ਵਕਤ ਲੋਕ ਬਦਲ ਦੇ ਨੇ ਤੈਨੂੰ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਪਰਖ਼ ਨਹੀਂ
ਇਥੇ ਗ਼ਲਤ ਸਹੀ ਲਗਦੇ ਨੇ ਸਹੀ ਲਗਦੇ ਨਹੀਂ ਸਹੀ 

—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷

 

 

Title: Intezaar karanga || punjabi wait shayari

Tags:

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Barish ki boonde || hindi kavita

गर्मियों से मुग्ध थी धरती
पर बारिश की बून्दें पड़ते ही
तुम बुदबुदाईं —
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !

क्या तुम्हारा मन
मिट्टी से भी ज़्यादा ठण्ड को महसूस करता है
तभी तो बारिश में विलीन हो गए
छलकते हुए आनन्द को स्वीकार न कर
तुमने आहिस्ता से कहा —
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !

तुम्हारे आँगन में
बून्द-बून्द में
अपने अनगिनत चान्दी के तारों में
सँगीत की सृष्टि कर
बारिश
जिप्सी लड़की की तरह नाचती है
तुम्हारी आँखों में ख़ुशी है, आह्लाद है
और शब्दों में बच्चों-सी पवित्रता
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !

अपने इर्द-गिर्द की चीज़ों
से अनजान
तुम यहाँ बैठी हो
नदी तुम्हारी स्मृतियों में ज़िन्दा है

अपनी सहेलियों के सँग
धीरे से घाघरा उठाकर
तुम नदी पार करती हो
अचानक बारिश गिरती है
लहरें चान्दी के नुपूर पहन नाचती हैं

बारिश में भीगकर हर्षोन्माद में
हंसते हुए तुम
नदी तट पर पहुँचती हो

बारिश में भीगे आँवले के फूल
पगडण्डी पर तुम्हारा स्वागत करते हैं
तुम्हारे सामने
केवल बारिश है, पगडण्डी है
और फूलों से भरे खेत हैं !

मेरी उपस्थिति को भूलते हुए
तुमने मृदुल आवाज़ में कहा —
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !

फिर तुम्हें देखकर
मैंने उससे भी मृदुल आवाज़ में कहा —
तुम भी तो कितनी ख़ूबसूरत हो !

Title: Barish ki boonde || hindi kavita


PUNJABI SHAYARI | OHNU DEKHE BINA KINE HI

Ohnu dekhe bina bhawe kinne hi din langh gaye hon
par akhan vich vasi tasveer ajhe v
taazi di taazi pai

ਉਹਨੂੰ ਦੇਖੇ ਬਿਨਾ ਕਿੰਨੇ ਹੀ ਦਿਨ ਲੰਘ ਗਏ ਹੋਣ
ਪਰ ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਵਸੀ ਤਸਵੀਰ ਅਜੇ ਵੀ
ਤਾਜੀ ਦੀ ਤਾਜ਼ੀ ਪਈ ਏ

Title: PUNJABI SHAYARI | OHNU DEKHE BINA KINE HI