Ye intzar kyu hota kisi k liye,
Aaj nahi to kal jaana hi hey,
Jindgi k raaho me kabhi baitha karte they,
Aaj unhi k palko k liye intzar kar baithe.
Ye intzar kyu hota kisi k liye,
Aaj nahi to kal jaana hi hey,
Jindgi k raaho me kabhi baitha karte they,
Aaj unhi k palko k liye intzar kar baithe.
तेरी हंसी मुरझाऐ फुलों को भी फिर से खिला दे,
जब झपकाऐ तु पलकें तो ,सुरज को भी ग्रहण लगा दे,
चाल तेरी ऐसी जैसे लहराती हो पीपल की डाल कोई,
और जब खुली हों तेरी जुल्फें तो काली घटा झा जाऐ!
बोल तेरे ऐसे जैसे जलेबी से चासनी टपक जाऐ,
क्या लिखुं तेरी खुबसुरती को तु है गणित का सवाल कोई!
Gam asa nahio laina lai tethon vi nahi hona
Reh asi nahio sakde reh tethon vi nahi hona..!!
ਗਮ ਅਸਾਂ ਨਹੀਂਓ ਲੈਣਾ ਲੈ ਤੈਥੋਂ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ
ਰਹਿ ਅਸੀਂ ਨਹੀਂਓ ਸਕਦੇ ਰਹਿ ਤੈਥੋਂ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ..!!