इश्क की बाते न करो हमसे,
इश्क का भी हाल बेहाल हो गया है !!
किसी ज़माने में हुआ करता था इश्क खुदा,
आज वोही इश्क कमीना, निक्कमा और कमबख्त हो गया है !!
इश्क की बाते न करो हमसे,
इश्क का भी हाल बेहाल हो गया है !!
किसी ज़माने में हुआ करता था इश्क खुदा,
आज वोही इश्क कमीना, निक्कमा और कमबख्त हो गया है !!
माना मुझे अब जरूरत नहीं तेरी , पर जिंदगी में एक मलाल तो है ।
कबूलनामा भी दे चुके महफिलों में पर , लोगों की निगाहों में कुछ सवाल तो है ।।
सपनों सा लगता एक ख्वाब तो है , मेरा हर अंदाज़ लाजवाब तो है ।
चाहता नहीं मेरी कलम से कोई बेइज्जत हो जाए , वरना मेरे पास भी कुछ लोगों का हिसाब तो है ।।
हाँ मोहब्बत भूल थी मेरी , आज बेबाकी से एक गुनाह कुबूल करता हूँ ।
कुछ काले किस्से हैं बीते हुए लम्हें , अब हर किस्से को मशहूर करता हूँ ।।
जिद्दी है मेरा दिल बड़ा , इसे आज मैं ज़रा मजबूर करता हूँ ।
बहुत हो चुकी मोहब्बत में नाफरमानी , सिर आँखों पर अपना गुरूर करता हूँ ।।