Jad koi kol hunda kadar ni hundi jad kadar hundi kol ni hunde
ਜਦ ਕੋਈ ਕੋਲ ਹੁੰਦਾ ਕਦਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਜਦ ਕਦਰ ਹੁੰਦੀਂ ਕੋਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ
Jad koi kol hunda kadar ni hundi jad kadar hundi kol ni hunde
ਜਦ ਕੋਈ ਕੋਲ ਹੁੰਦਾ ਕਦਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਜਦ ਕਦਰ ਹੁੰਦੀਂ ਕੋਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ
बिखरे हुए हैं शब्द मेरे, जैसे एक टूटा हुआ साज हूँ,
नि:शब्द हूँ मैं जैसे एक दबी आवाज़ हूँ ,
लिख रहा हूँ मैं अपना दर्द स्याही में,
जैसे कोई अनकही बात हूँ ,
लोगों ने करी है मेरी तारीफ़ें, जैसे मै उनके सर का ताज हूँ ,
नज़रें थी तेज मेरी इस कदर, जैसे मै बाज़ हूँ ,
बीता वो कल जिसमें मिले धोखे मुझे, आज बीता कल भी तरस खाता है मुझपे, जो मैं आज हूँ,
शांत हूँ मैं इन चालाकों के झुंड में, क्यूँकि मैं आने वाले तूफ़ान का आग़ाज़ हूँ ,
जो थे मेरे साथ जब अकेला था मैं, मैं आने वाले कल में भी उनके साथ हूँ ,
और जो सोचते थे कि गिरूँगा मैं लड़खड़ाते हुए ज़िंदगी में, उनके लिए एक बुरा ख़्वाब हूँ ,
सपनो को अपने मैं लेकर उडूँगा एक दिन,
जैसे हवा को चीरता हुआ जहाज़ हूँ ,
पर फ़िलहाल बिखरा हुआ शब्द हूँ, एक टूटा हुआ साज हूँ ।।
Hizran ch rul gayi zind de gama ch
Futt futt ro ro ke thakiyan di..!!
Jo tangh kise di ch rehan tadapdiyan
Kon peedh pachane ohna akhiyan di..!!
ਹਿਜ਼ਰਾਂ ‘ਚ ਰੁਲ ਗਈ ਜ਼ਿੰਦ ਦੇ ਗਮਾਂ ‘ਚ
ਫੁੱਟ ਫੁੱਟ ਰੋ ਰੋ ਕੇ ਥੱਕੀਆਂ ਦੀ..!!
ਜੋ ਤਾਂਘ ਕਿਸੇ ਦੀ ‘ਚ ਰਹਿਣ ਤੜਪਦੀਆਂ
ਕੌਣ ਪੀੜ ਪਛਾਣੇ ਉਹਨਾਂ ਅੱਖੀਆਂ ਦੀ..!!