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Jhoothi sohaa || sad shayari

ਲ਼ੋਕ ਝੁਠੀ ਸੋਹਾਂ ਖਾਂਦੇ ਨੇ
ਸਭ ਵਾਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਝੁਠੇ
ਇਣਹਾ ਦੀ ਸਚੀ ਗਲਾਂ ਸਮਝ ਕੇ
ਕਿਨੇਂ ਆਸ਼ਿਕ ਗਏ ਲੁਟੇ

ਚੇਹਰਾ ਇਣਹਾ ਦਾ ਇਦਾਂ ਦਾ
ਭਰੋਸਾ ਇਣਹਾ ਤੇ ਛੇਤੀ ਹੋ ਜਾਵੇ
ਜੋ ਤਕਲੇ ਇਣਹਾ ਦੀ ਅਖਾਂ ਵਲ਼
ਔਹ ਖਿਆਲਾਂ ਵਿਚ ਹੀ ਖੋ ਜਾਵੇ
ਪਤਾ ਨਹੀਂ ਕੇਹੜੇ ਦਰ ਤੇ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
ਜੋ ਲ਼ੋਕ ਝੁਠੀ ਸੋਹਾਂ ਖਾਂਦੇ ਨੇ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷

Title: Jhoothi sohaa || sad shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Camel ki gardan || akbar birbal kahani

अकबर बीरबल की हाज़िर जवाबी के बडे कायल थे। एक दिन दरबार में खुश होकर उन्होंने बीरबल को कुछ पुरस्कार देने की घोषणा की। लेकिन बहुत दिन गुजरने के बाद भी बीरबल को पुरस्कार की प्राप्त नहीं हुई। बीरबल बडी ही उलझन में थे कि महाराज को याद दिलायें तो कैसे?

एक दिन महारजा अकबर यमुना नदी के किनारे शाम की सैर पर निकले। बीरबल उनके साथ था। अकबर ने वहाँ एक ऊँट को घुमते देखा। अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल बताओ, ऊँट की गर्दन मुडी क्यों होती है”?

बीरबल ने सोचा महाराज को उनका वादा याद दिलाने का यह सही समय है। उन्होंने जवाब दिया – “महाराज यह ऊँट किसी से वादा करके भूल गया है, जिसके कारण ऊँट की गर्दन मुड गयी है। महाराज, कहते हैं कि जो भी अपना वादा भूल जाता है तो भगवान उनकी गर्दन ऊँट की तरह मोड देता है। यह एक तरह की सजा है।”

तभी अकबर को ध्यान आता है कि वो भी तो बीरबल से किया अपना एक वादा भूल गये हैं। उन्होंने बीरबल से जल्दी से महल में चलने के लिये कहा। और महल में पहुँचते ही सबसे पहले बीरबल को पुरस्कार की धनराशी उसे सौंप दी, और बोले मेरी गर्दन तो ऊँट की तरह नहीं मुडेगी बीरबल। और यह कहकर अकबर अपनी हँसी नहीं रोक पाए।

और इस तरह बीरबल ने अपनी चतुराई से बिना माँगे अपना पुरस्कार राजा से प्राप्त किया।

Title: Camel ki gardan || akbar birbal kahani


Dam Mein Dam || 2lines status

Jab Tak Tha Dam Mein Dam Na Dabe Aasmaan Se Hum,
Jab Dam Nikal Gaya Toh Zameen Ne Dabaa Liya.
जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हम,
जब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया।

Title: Dam Mein Dam || 2lines status