Jina sanu zindagi diti
Jina sanu saah dita
Onna manzil v B’nai hoyu
Jinna sanu a rahh dita ❤️
Manisha Mann✍️
Jina sanu zindagi diti
Jina sanu saah dita
Onna manzil v B’nai hoyu
Jinna sanu a rahh dita ❤️
Manisha Mann✍️
मंज़िल अभी दूर है, मुसाफिर है बेचैन,
ठोकरें बहुत है राह में,बीत गए वो दिन रैन,
सोचा ना था यूं सौदा करूंगा,
बूंदों सी बारिश में प्यासा चलूंगा,
पसीने से तर है दामन मेरा
कैसे बायां करूं हाल ए दिल अपना के,
कैसे भीगते हैं मेरे नैन,
मंज़िल अभी दूर है, मुसाफिर है बेचैन,
शाम भी बीत गई, सूरज भी ढल गया,
रास्तों पर निकला तो वक्त भी बदल गया,
ठोकरें बहुत खाई अब थोड़ा संभाल गया,
किससे कहूं फिर भी भीगते हैं मेरे नैन,
मंज़िल अभी दूर है, मुसाफिर है बैचेन,
मेरा हिस्सा था जिनमें कुछ लम्हे चुरा लाया हूं,
हर कदम के साथ कुछ करीब आया हूं,
किनारों पर समेटकर कुछ लेहरें लाया हूं,
दो पल ही सही वापस आए वो दिन रैन,
मै ही हूं वो मुसाफिर, मै ही था बेचैन…
Ikalle turan di aadat pa lai mittra
Kyunki ethe lok sath udo shadd de ne jado sab ton vadh lod howe 🙌
ਇਕੱਲੇ ਤੁਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾ ਲੈ ਮਿੱਤਰਾ
ਕਿਉਂਕਿ ਇੱਥੇ ਲੋਕ ਸਾਥ ਉਦੋਂ ਛੱਡਦੇ ਨੇ ਜਦੋ ਸਭ ਤੋ ਵੱਧ ਲੋੜ ਹੋਵੇ🙌