jindagee aaj kal gujar rahee hai imtihaano ke daur se,
ek jakhm bharata nahee doosara aane kee jid karata hai…
जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो के दौर से,
एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद करता है…
jindagee aaj kal gujar rahee hai imtihaano ke daur se,
ek jakhm bharata nahee doosara aane kee jid karata hai…
जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो के दौर से,
एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद करता है…
आग को बुझा देता है क्रोध ।
आग जलते है हवा में, लेकिन चिंगारी में जलता है क्रोध।
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अपना कविता किसी को मत पढ़ाओ।
अगर कोई पढ़ना चाहते है, उसे सच ढूंढ़ने के लिए बताओ।
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जबाब हर बात पे मत दो।
सिर्फ वक्त का इंतज़ार करो।
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जब बन रहे हों, सुनना पड़ता हैं।
जब बन गये हों, लोग सुनने आते हैं।
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रिश्ते आसमान की रूप।
आज बारिश, कल धूप।
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बात लहर की तरह।
जनम देती रिश्ते, टूटती भी रिश्ते, सोचो ज़रा।
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मैदान में जितना राजनीती होता है, उससे भी ज्यादा होता है घर पर।
घर का बाप ही बनता है नेता, नेता पैदा भी होता हे घर पर।
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जो तुम्हे पाता है, वो किसी को मत बताओ।
समय में प्रयोग करो, नहीं तो लोग समझेंगे के तुम मुर्ख हो।
Tu jana c eh ta teh c..
Do lafz pyar de bol janda ta gll vakhri c💔..!!
ਤੂੰ ਜਾਣਾ ਸੀ ਇਹ ਤਾਂ ਤਹਿ ਸੀ
ਦੋ ਲਫ਼ਜ਼ ਪਿਆਰ ਦੇ ਬੋਲ ਜਾਂਦਾ ਤਾਂ ਗੱਲ ਵੱਖਰੀ ਸੀ💔..!!