jindagee to usakee hai jisakee maut pe jamaana aphasos kare,
varana janam to har kisee ka marane ke lie hee hota hai…
जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे,
वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है…
jindagee to usakee hai jisakee maut pe jamaana aphasos kare,
varana janam to har kisee ka marane ke lie hee hota hai…
जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे,
वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है…
Andhera mit ta nhi mitana padta hai
Bujhe chirag ko fir se jalana padhta hai
Andhera mitane ke liye nazriya badalna padega
Bas nazriya badal do bujha chirag fir se jal jayega..
अंधेरा मिटता नहीं! मिटाना पडता है!
बुझे चिराग को फिर से जलाना पड़ता है।
अंधेरा मिटाना के लिए नज़रिया बदलना पड़ेगा।
बस नज़रिया बदल दो बुझा चिराग फिर से जल जाएगा
जो मेहनत करके अमीर होता है, वो जानता है पैसा का कीमत।
जो न मेहनत करके पैसा का मुख देखता है, वो खोता है अपना किस्मत।
चेहरा देख के पाता नहीं लगता, जन्म से भी नहीं।
ढंग और काम देख के पाता चल जाता है, इंसान गलत है या सही।
जैसे सोचोगे, वैसे ही होगा।
भिखारी रोज़ सोचता है, वो कब राजा बनेगा।
बुरा सोच को मन में मत आने दो।
बुरा सोच ही शिखाता है सही रास्ता कहां पर हो।
परिवार में जो अकेले रोजगार करते है, वो सुनाएंगे हमेशा।
टेंशन दिमाग खा लेता है, जो रहता है, वो गुस्सा।
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हर बात में गुस्सा मत हो, करो सही वक्त का इंतज़ार।
जबाब दो एक बात में और बदल दो अनाचार।
मेरे पास फ्लॅट है, गाड़ी है, वो सुनाते रहा।
मेरे पास डिग्री है, मेरा शिष्टाचार ने कहा।
मन भटकती है हवा की तरह बिना किसी उद्देश्य के, उसे कभी मत करो बिश्वास।
लेकिन दिल में हमेशा रहती है सुद्ध बिचार का अहसास।
जिसे न पसंद है, मन में छुपाके रखो।
सिर्फ खुद को पसंद करो, अच्छे रहो।
शरीर को जैसे रखोगे, वैसे ही रहेगा।
अत्याचार करोगे तो जल्दी मरेगा, अच्छा खिलाओगे तो ज्यादा दिन जियेगा।
जो लोग हँस रहे हैं, हमेशा रहो उसके साथ।
जो लोग रो रहे हैं, मत पकड़ो उसके हाथ।
ज़िन्दगी दो दिन का, हँसो और हँसाते रहो।
सिर्फ मूर्ख रोते हैं, खुद को कहो।
बीमारी धूल की तरह, हवा में घूमती है।
वसूली बारिश की तरह, धूल को भीगा देती है।
चेहरा देख के पता लग जाता है, अंदर में क्या है।
अंदर का सोच ही चेहरा में निकल आता है।
मिटटी की तरह नरम है मनुष्य का मन।
किसी को पता नहीं- कब किसका जूते की छाप लेते है हमारा प्यारा धन।
भावना आग की तरह, इंसान को खा लेता है।
ज्यादा सोचते हुए इंसान पागल हो जाता है।
हम आये थे एक दिन, जाना भी है एक दिन।
सिर्फ चलता हु, बहती हवा में नीरस बीन।
सच्चा इंसान दिल के साथ अपना मन को जोड़ लेता हैं।
दिल और मन अगर अलग रहते हैं, तो इंसान खो जाता हैं।
नौकरी छोड़ो मत।
पहली बार वो खुद आता है, दूसरी बार भी, लेकिन तीसरी बार वो देता है लात।
ह्रदय हमेशा एक बात ही करता है, जीते रहो।
मन की सोच ही सब कुछ गोलमाल कर देता है।
सही वक्त पर काम अपने से ही हो जाता है।
जो विजेता, वो पहले कोशिश न कर के, इंतज़ार में रहते है।
पिछले ज़माना गुजरा दूसरे की सोच में।
यह ज़माना सिर्फ मेरा है- अगर मैं सुखी, तो दूसरे भी ख़ुशी में।
मशीन के पार्ट्स अगर ख़राब हो गया, बदल लो।
शरीर के पार्ट्स अगर ख़राब हो गया, सम्हाल लो।
खेलों, मन का विकास होगा।
हासों, दिल मजबूत होगा।
देव और दानव मनुष्यों के ह्रदय में रहना हैं।
लड़ाई दूसरे के साथ नहीं, लेकिन खुद के साथ है।
पूजापाठ करने से मन शुद्ध होते है और ह्रदय शांत।
काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और ईर्ष्या का अन्त।
मन अगर हाथी की तरह पागल है, तो खत्म समृद्धि।
हृदय अगर घोड़े की तरह जंगली है, तो विनाश बुद्धि।
ग्रह नक्षत्र सिर्फ घूमते हैं इधर उधर।
रेखा अपना मुट्ठी में, नाम अपना काम के आधार।
काम पे लगे रहो प्रेम, भक्ति, एकाग्रता और ईमानदारी के साथ।
बारिश होगी आसमान से, फल के बारे में कभी सोचो मत।
दार्शनिक खुद नहीं जानते के वो दार्शनिक है या नहीं।
उसे सिर्फ यह पता है के उसके पागलपन कोई बीमारी नहीं।
बचपन का बहुत सारे घटनाएं याद आते है।
क्या सही क्या गलत तब पता नहीं था, लेकिन ज़िन्दगी के बारे में अब मुझे सब कुछ पता है।
शब्दों दुश्मन से भी खतरनाक होते हैं।
दुश्मन घायल करते हैं शरीर, लेकिन शब्दों आत्मा को रुलाते हैं।