जीवन के दरिया में
एक कश्ती सा है मन
कहती हैं…
हालात की लहरें,
कि सफ़र में अभी
आज़माइश बाक़ी है!
समझाना मन को और
समझना उसे…
कि साथ है जब तक ये
हर गुंजाईश बाक़ी है।
जीवन के दरिया में
एक कश्ती सा है मन
कहती हैं…
हालात की लहरें,
कि सफ़र में अभी
आज़माइश बाक़ी है!
समझाना मन को और
समझना उसे…
कि साथ है जब तक ये
हर गुंजाईश बाक़ी है।
nashe saare ajmaa ke dekhe sajjana
par tere pyaar jina tang kise ni kita
ਨਸ਼ੇ ਸਾਰੇ ਅਜ਼ਮਾ ਕੇ ਦੇਖੇ ਸੱਜਣਾ
ਪਰ ਤੇਰੇ ਪਿਆਰ ਜਿੰਨਾ ਤੰਗ ਕਿਸੇ ਨੀ ਕੀਤਾ…
मैं ये सोचता हूं मेरा हाल क्या होगा
जब मेरी मां का इंतकाल होगा
अभी तक मैने कोई फर्ज पूरा नहीं किया
अभी तक कोई उसका कोई कर्ज पूरा नहीं किया
मेरे पास अभी वक्त ही नही है
पर वो मुझसे सख्त भी नही है
वो मंजर कैसे देखूंगा
वो बदनसीबी का साल होगा
मेरी मां का जब इंतकाल होगा
ऐ खुदा बस इतनी सी दुआ है मेरी
खुश रहे जब तक मां है मेरी
मैं उस जन्नत में खो जाना चाहता हूं
अपनी मां के आंचल में सो जाना चाहता हूं
ये दौलत नही मैं प्यार लेना चाहता हूं
उससे आशीष को उधार लेना चाहता हूं
मैं पैसे का क्या करूंगा ये माल क्या होगा
जब मेरी मां का इंतकाल होगा
ऐसे खामोश रहूंगा तो वक्त बीत जायेगा
वो बूढ़ी हो जायेगी बुढ़ापा जीत जायेगा
जब तक जिंदा है पूजा करना चाहता हूं
और कोई ना दूजा करना चाहता हूं
अभी भी वक्त है ले लो आशीष को
वरना जीवन भर तुमको मलाल होगा
मैं ये सोचता हूं मेरा हाल क्या होगा
मेरी मां का जब इंतकाल होगा