Joshila soormA || Punjabi shayari was last modified: August 6th, 2023 by Manpreet Singh
चाल अभी धीमी है,
पर कदम जाएंगे मंजिल तक जरूर।
हालात अभी उलझे हैं,
पर बदलेंगे मौसम,बिखरेगा हरसू नूर।
हौसलों की कमी नहीं,
क़्त भले ना हो ज्यादा।
शह मात की खेल है जिंदगी,
मंजिल को पाने की, हम रखते हैं माआदा।
पलकें मूंद जाती हैं झंझावतों से,
रास्ते छुप जाते हैं काले बदली की छाँव में।
गुजरना ही होगा अंधियारे सूने गलियारों से,
आशियाना हो चाहे गांव या शहर में।
लक्ष्य जो बुन लिया है विश्वास के तागों से,
अब रुकना नहीं, न झुकना कहीं तुम सफर में ।
डगर ने चुन लिया है तुम्हें साहस के पदचिन्हों से,
धैर्य,सहनशीलता और जीत, होंगे सहचर तुम्हारे सहर में।।
तरुण चौधरी
mitti da koi mul nahi
har ik nu ede vich jaana
zindagi taa bas befazool ja safar hai
manzil taa siviyaa tak jaana
ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਕੋਈ ਮੁੱਲ ਨਹੀਂ
ਹਰ ਇੱਕ ਨੂੰ ਇਦੇ ਵਿਚ ਜਾਣਾ
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤਾਂ ਵਸ ਬੈਫਿਜੁਲ ਜਾ ਸਫ਼ਰ ਹੈ
ਮੰਜ਼ਿਲ ਤਾਂ ਸਿਵੀਆ ਤੱਕ ਜਾਣਾ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷