
sirf doosreya ch aundiyaa ne

ज़िन्दगी के अंजान सफर में निकल के देखूंगा,
ये मौत का दरिया है तो चल के देखूंगा...
सवाल ये है कि रफ्तार किसकी कितनी है,
मैं हवाओं से आगे निकल कर देखूंगा...
इक मज़ाक अच्छा रहेगा चांद तारों से,
मैं आज शाम से पहले ढल कर देखूंगा...
रोशनी बाटने वालों पर क्या गुजरती है,
आज मैं इक चिराग़ की तरह जल कर देखूंगा...
Kishti dubdi naa aan kinareya te
te malaah na baimaan hunda
saada pyaar hakiki hona c
je yaar na dagebaaz hunda
ਕਿਸ਼ਤੀ ਡੁੱਬਦੀ ਨਾ ਆਣ ਕਿਨਾਰਿਆ ਤੇ
ਤੇ ਮਲਾਹ ਨਾ ਬਈਮਾਨ ਹੁੰਦਾ
ਸਾਡਾ ਪਿਆਰ ਹਕੀਕੀ ਹੋਣਾ ਸੀ
ਜੇ ਯਾਰ ਨਾ ਦਗੇਬਾਜ ਹੁੰਦਾ