Kat rahi hai zindagi kuch ese
Titli ka jism jaise daba ho kitab mein… 💔💯
कट रही है ज़िन्दगी कुछ ऐसे…
तितली का जिस्म जैसे दबा हो किताब में….💔💯
Enjoy Every Movement of life!
Kat rahi hai zindagi kuch ese
Titli ka jism jaise daba ho kitab mein… 💔💯
कट रही है ज़िन्दगी कुछ ऐसे…
तितली का जिस्म जैसे दबा हो किताब में….💔💯
उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं
सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं
इक बीमार वसीयत करने वाला है
रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं
बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है
चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं
धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की
सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं
साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है
घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं
आज शिकारी की झोली भर जाएगी
आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं