Malang ban jande ne ishqan vale
Rehnde apne jahan ch viyast ne..!!
Vech ke khwahishan supne apne
Khud vich rehnde mast ne..!!
ਮਲੰਗ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਇਸ਼ਕਾਂ ਵਾਲੇ
ਰਹਿੰਦੇ ਆਪਣੇ ਜਹਾਨ ‘ਚ ਵਿਅਸਤ ਨੇ..!!
ਵੇਚ ਕੇ ਖੁਆਹਿਸ਼ਾਂ ਸੁਪਨੇ ਆਪਣੇ
ਖ਼ੁਦ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਮਸਤ ਨੇ..!!
Malang ban jande ne ishqan vale
Rehnde apne jahan ch viyast ne..!!
Vech ke khwahishan supne apne
Khud vich rehnde mast ne..!!
ਮਲੰਗ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਇਸ਼ਕਾਂ ਵਾਲੇ
ਰਹਿੰਦੇ ਆਪਣੇ ਜਹਾਨ ‘ਚ ਵਿਅਸਤ ਨੇ..!!
ਵੇਚ ਕੇ ਖੁਆਹਿਸ਼ਾਂ ਸੁਪਨੇ ਆਪਣੇ
ਖ਼ੁਦ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਮਸਤ ਨੇ..!!
“थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै…
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब…
मैंने चलना ही छोड़ दिया है।
फासलें अक्सर रिश्तों में…
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने..
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है।
हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ…
खुद को अपनों की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने…
अपनापन ही छोड़ दिया है।
याद तो करता हूँ मैं सभी को… और परवाह भी करता हूँ सब की, पर कितनी करता हूँ… बस, बताना छोड़ दिया है।।”