Pane ki usko mangi mannat har dafa hai ya to meri ibaadat me kami hai ya mera khuda hi khafa hai
पाने की उसको मांगी मन्नत हर दफा है या तो मेरी ईबादत में कमी है या मेरा खुदा ही खफा है
Pane ki usko mangi mannat har dafa hai ya to meri ibaadat me kami hai ya mera khuda hi khafa hai
पाने की उसको मांगी मन्नत हर दफा है या तो मेरी ईबादत में कमी है या मेरा खुदा ही खफा है
میں نہیں چاہتی انکی طلب ختم ہو
سو میں فاصلہ رکھتی ھوں ان سے
शायद तेरी मेरी कहानी अधूरी रह जाएगी
हमारे इश्क़ की दास्तां यहीं दफन हो जाएगी
लगाएगी ये दुनिया हम पर हजारों बंदिशें लेकिन
हमारी प्रेम कहानी फिर भी अमर हो जाएगी
कुछ पल ही बिता पाएंगे एक दूसरे के साथ
फिर जिंदगी पता नहीं किस मोड़ पर ले आएगी
ना तू मेरे साथ, ना मैं तेरे साथ
एक दूसरे की कमी हमें बहुत सताएगी
लेकिन तू बेफिक्र होकर मुझ पर विश्वास करना
मेरे दिल में तेरी जगह किसी को ना मिल पाएगी
अभी तो हजारों रंग बदलेगी ये ज़िन्दगी
ना तू मुझे भूलना, ना मैं तुझे
ऐसे ही एक दूसरे की याद के साथ
जिंदगी गुजर जाएगी ।।