Pane ki usko mangi mannat har dafa hai ya to meri ibaadat me kami hai ya mera khuda hi khafa hai
पाने की उसको मांगी मन्नत हर दफा है या तो मेरी ईबादत में कमी है या मेरा खुदा ही खफा है
Pane ki usko mangi mannat har dafa hai ya to meri ibaadat me kami hai ya mera khuda hi khafa hai
पाने की उसको मांगी मन्नत हर दफा है या तो मेरी ईबादत में कमी है या मेरा खुदा ही खफा है
kuchh is tarah se vafa kee misaal deta hu,
savaal karata hai koee to taal deta hu,
usee se khaata hoon aksar phareb manjil ka,
main jisake paanv se kaanta nikaal deta hu…
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हु,
सवाल करता है कोई तो टाल देता हु,
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का,
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु…
“Niyat kinni vi changi Howe,
Duniya tuhanu dikhawe to jandi hai,,
Te dikhawa kinna vi chnga kyu na howe,
Parmatma tuhanu tuhadi niyat ton janda hai….!!!!”
“ਨੀਅਤ ਕਿੰਨੀ ਵੀ ਚੰਗੀ ਹੋਵੇ ,
ਦੁਨੀਆਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਦਿਖਾਵੇ ਤੋਂ ਜਾਣਦੀ ਹੈ ,,
ਤੇ ਦਿਖਾਵਾ ਕਿੰਨਾ ਵੀ ਚੰਗਾ ਕਿਉਂ ਨਾ ਹੋਵੇ ,
ਪਰਮਾਤਮਾ ਤੁਹਾਨੂੰ , ਤੁਹਾਡੀ ਨੀਅਤ ਤੋਂ ਜਾਣਦਾ ਹੈ….!!!!”