माँ-बाप की उम्मीदों पर
खरा उतर गया ,
इतना आगे बढ़ा, पलटा
तो उसका साथ छुट गया।
अब फर्क नहीं पड़ता जनाब
कौन साथ है?, कौन पास है?
हजारों लोग मिले हैं मुझसे दिन में
पर वो पगली आज भी खास है।
क्या नजारा था मित्र
मैंने बर्बादी खुबसूरत देखी,
तेरे बिन मर जाऊँगी
हाय!………………
ऐसी उसकी आंखो में तड़प देखी।
दिल्लगी थी, मेरे दोस्त
कोई झूठा फसाना नहीं,
आज भी दिल कहता है
खबरदार,……………
उसके सिवा किसी से दिल लगाना नहीं।
दिल देता है हौसला, मेरे दोस्त
तभी आज भी, उसका इंतजार करूँ
कही मिल जाए दो पल के लिए
तो पगली से दिल भरके बातें करूँ।
naam baah te lkhaun di ki faiyda je saaha da ikraar na howe
raah duniyaa de sunsaan ne saare sajjna jad tak tu na naal howe
ਨਾਮ ਬਾਂਹ ਤੇ ਲਖਾਉਣ ਦਾ ਕੀ ਫਾਇਦਾ ਜੇ ਸਾਹਾਂ ਦਾ ਇਕਰਾਰ ਨਾ ਹੋਵੇ
ਰਾਹ ਦੁਨੀਆਂ ਦੇ ਸੁੰਨਸਾਨ ਨੇ ਸਾਰੇ ਸੱਜਣਾ ਜਦ ਤੱਕ ਤੂੰ ਨਾ ਨਾਲ ਹੋਵੇ