रोशनी भरी थी राहें मेरी, जाने कब अंधेरी हो गई..
मंजिल की तलाश में राहों से यारी, और भी गहरी हो गई..
जिन मंजिलों से लेना-देना ना था, वो बदली और मेरी हो गई..
गैर मंजिलों को इतना वक्त दिया के, खुद मंजिल मेरी खो गई..
खैर कोशिशों में कोई कमी ना थी, जो नाकाम मेरी हो गई..
मेरी मंजिल की तलाश अब भी जारी है, भले क्यूं ना देरी हो गई..
भले क्यूं ना देरी हो गई..
Tu oh smandar hai
jisda
koi kinara ni
te me
us smandar di
oh bedhi
jisda koi sahara ni ..
ਤੂੰ ਉਹ ਸਮੰਦਰ ਹੈਂ
ਜਿਸਦਾ
ਕੋਈ ਕਿਨਾਰਾ ਨੀਂ,
ਤੇ ਮੈਂ
ਉਸ ਸਮੰਦਰ ਦੀ
ਉਹ ਬੇੜੀ
ਜਿਸਦਾ
ਕੋਈ ਸਹਾਰਾ ਨੀਂ….😞