Koi Aakhda Rabb Da Roop Ehnu;
Koi Rabb Da Ehnu Wazir Aakhe;
Rabb V Ohnu Nai Mod Sakda;
Gal Mauj Vich Jehdi Fakeer Aakhe..💐🥀
Koi Aakhda Rabb Da Roop Ehnu;
Koi Rabb Da Ehnu Wazir Aakhe;
Rabb V Ohnu Nai Mod Sakda;
Gal Mauj Vich Jehdi Fakeer Aakhe..💐🥀
तिश्नगी थी मुलाक़ात की,
उस से हाँ मैंने फिर बात की।
दुश्मनी मेरी अब मौत से,
ज़िंदगी हाथ पे हाथ की।
सादगी उसकी देखा हूँ मैं,
हाँ वो लड़की है देहात की।
तुमने वादा किया था कभी,
याद है बात वो रात की।
अब मैं कैसे कहूँ इश्क़ इसे,
बात जब आ गई ज़ात की।
मुझसे क्या दुश्मनी ऐ घटा,
क्यों मेरे घर पे बरसात की।
हमको मालिक ने जितना दिया,
सब ग़रीबों में ख़ैरात की।
तू कभी मिल तो मालूम हो,
क्या है औक़ात औक़ात की।
