Kismat buri c ja me hi bura
eh faisla na ho sakeya
me har kise da ho gya
koi mera na ho sakeya
ਕਿਸਮਤ ਬੁਰੀ ਸੀ ਜਾਂ ਮੈਂ ਹੀ ਬੁਰਾ
ਇਹ ਫੈਸਲਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕਿਆ
ਮੈਂ ਹਰ ਕਿਸੇ ਦਾ ਹੋ ਗਿਆ
ਕੋਈ ਮੇਰਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕਿਆ
Kismat buri c ja me hi bura
eh faisla na ho sakeya
me har kise da ho gya
koi mera na ho sakeya
ਕਿਸਮਤ ਬੁਰੀ ਸੀ ਜਾਂ ਮੈਂ ਹੀ ਬੁਰਾ
ਇਹ ਫੈਸਲਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕਿਆ
ਮੈਂ ਹਰ ਕਿਸੇ ਦਾ ਹੋ ਗਿਆ
ਕੋਈ ਮੇਰਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕਿਆ
Mujhe bhi yaad rakhna jab likho tareekh wafa ki
Mene bhi lutaya hai mohobbat mein sukoon apna🙃
मुझे भी याद रखना जब लिखो तारीख वफ़ा की
मैंने भी लुटाया है मोहब्बत में सकूँ अपना🙃
बादशाह अकबर की यह आदत थी कि वह अपने दरबारियों से तरह-तरह के प्रश्न किया करते थे। एक दिन बादशाह ने दरबारियों से प्रश्न किया, “अगर सबकी दाढी में आग लग जाए, जिसमें मैं भी शामिल हूं तो पहले आप किसकी दाढी की आग बुझायेंगे?”
“हुजूर की दाढी की” सभी सभासद एक साथ बोल पड़े।
मगर बीरबल ने कहा – “हुजूर, सबसे पहले मैं अपनी दाढी की आग बुझाऊंगा, फिर किसी और की दाढी की ओर देखूंगा।”
बीरबल के उत्तर से बादशाह बहुत खुश हुए और बोले- “मुझे खुश करने के उद्देश्य से आप सब लोग झूठ बोल रहे थे। सच बात तो यह है कि हर आदमी पहले अपने बारे में सोचता है।”