दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
वीराँ है मैकदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास है
तुम क्या गये के रूठ गये दिन बहार के
इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन
देखे हैं हमने हौसले परवर-दिगार के
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
तुझ से भी दिल फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के
भूले से मुस्कुरा तो दिये थे वो आज ‘फ़ैज़’
मत पूछ वलवले दिलए-ना-कर्दाकार के
Na taan tu pyar naal kade haal pucheya
Na hi mere hnjhuyan de karan da swaal pucheya
Ki samjhan mein fer dass..
Ke ki ehmiyat e teri zindagi vich meri💔..??
ਨਾ ਤਾਂ ਤੂੰ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਕਦੇ ਹਾਲ ਪੁੱਛਿਆ
ਨਾ ਹੀ ਮੇਰੇ ਹੰਝੂਆਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਦਾ ਸਵਾਲ ਪੁੱਛਿਆ
ਕੀ ਸਮਝਾਂ ਮੈਂ ਫਿਰ ਦੱਸ..
ਕਿ ਕੀ ਅਹਿਮੀਅਤ ਏ ਤੇਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਮੇਰੀ💔..??