” Kuch is trha uljhi he mere hatho ki lakeere
uski lakiro ke sath…
Adhure jo hm hue,
To muqammal wo b nhi honge.…”
By Zareen khan…
” Kuch is trha uljhi he mere hatho ki lakeere
uski lakiro ke sath…
Adhure jo hm hue,
To muqammal wo b nhi honge.…”
By Zareen khan…
अगर नजर के नजरिये से निहारो तो हर नजारा नूर लगता है
मेरा वो प्यार जिसे दुनिया गलत कहती थी मुझे वो आज भी कोहिनूर लगता है
किस्मत ने खेला है ऐसा खेल सब कुछ है मेरे पास मगर मेरा महबूब पास होकर भी दूर लगता है
हाँ वो आज भी मुझको कोहिनूर लगता है प्यार मोहब्बत इश्क जितना कुछ था मेरे पास सब कुछ दे दिया उसको
फिर भी वो किसी और के प्यार में मगरूर लगता है
मेरा महबूब पास होकर भी दूर लगता है मगर फिर भी वो मुझको कहिनूर लगता है…harsh tiwari 🖋
ਉਹਨੇ ਇਹਨੇ ਦੁੱਖ ਦਿੱਤੇ ਅਸੀਂ ਚੁੱਪ ਕਰਕੇ ਸਹਿ ਗਏ
ਉਹਨੇ ਇਹਨਾ ਕੁਝ ਬੋਲਿਆ
ਅਸੀ ਕੁਝ ਨਾ ਕਹਿਣ ਜੋਗੇ ਰਹਿ ਗਏ
ਉਹਨੇ ਜ਼ਖਮ ਹੀ ਇੰਨੇ ਗਹਿਰੇ ਦਿੱਤੇ
ਤਾਹਿਓ ਅੱਜ ਅਸੀ ਮਾੜੇ ਰਾਹ ਪੈ ਗਏ