
aur kabhi pukaarta hai wo
kuchh to hai in raat ke sanaatton me

Samajhdaar tha vo pehle
Ishq ne nasamajh bna diya
Naam pucha tha me mene pehli mohobbat ka
Nadan ne na Jane kitno ka Gina diya🙃🫠
समझदार था वो पहले,
इश्क ने नासमझ बनाया दिया,
नाम पूछा था मैंने उससे पहली मोहब्बत का,
नादान ने न जाने कितनो का गिना दिया!🙃🫠
आसमां छूने की ख्वाहिश किसकी नहीं होती,
बस फर्क इतना है, हर किसी की पूरी नहीं होती,
पूरी होती है उनकी, जो पसीने की बूंदे नही गिनते ,
अब दुआओं में मेहनत जितनी बरकत कहां होती,
किसने कहा दुआओं से सब हासिल हो जाता है,
ऐसा कुछ होता तो आज किसी की हसरतें बाकी ना होती,
मसला हसरतों का है इसीलिए मेहनत की तालीम सीखी है,
कुछ तो कमी है खुदा मेरे, जो दुआएं आज थोड़ी फीकी है...