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Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English

Labh reha haa sawaal ik || punjabi

Labh reha haa sawaal ik || punjabi


ख़ुद पे भरोसा रखना || motivational life shayari

ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना
अपनी उम्मीद को हर हाल में ज़िन्दा रखना

उसने हर बार अँधेरे में जलाया ख़ुद को
उसकी आदत थी सरे-राह उजाला रखना

आप क्या समझेंगे परवाज़ किसे कहते हैं।
आपका शौक़ है पिंजरे में परिंदा रखना

बंद कमरे में बदल जाओगे इक दिन लोगो
मेरी मानो तो खुला कोई दरीचा रखना

क्या पता राख़ में ज़िन्दा हो कोई चिंगारी
जल्दबाज़ी में कभी पॉव न अपना रखना

वक्त अच्छा हो तो बन जाते हैं साथी लेकिन
वक़्त मुश्किल हो तो बस ख़ुद पे भरोसा रखना

tere naal arath meri zindagi da || Love shayari

ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਐ ਅਰਥ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦਗੀ ਦੇ
ਤੇਰੇ ਬਿਨਾ ਜਿਉਦੀ ਮੈਂ ਲਾਸ਼ ਮਿੱਠੀਏ
ਜਨਮ ਲੈ ਕੇ ਸਿਰਫ ਮੇਰੇ ਲਈ ਆਉਣਾ ਸੀ ਤੂੰ ਧਰਤੀ ਤੇ
ਇੱਕ ਪਲ ਅੱਖਾਂ ਤੋਂ ਨਾ ਪਾਸੇ ਹੁੰਦੀ ਤੂੰ ਕਾਸ਼ ਮਿੱਠੀਏ
ਇਸ ਜਨਮ ਤਾਂ ਇਕੱਠੇ ਅਸੀ ਨਹੀ ਹੋਏ
ਮਿਲਾਗੇ ਅਗਲੇ ਜਨਮ ਮੈਨੂੰ ਪੂਰੀ ਆਸ ਮਿੱਠੀਏ
ਆਜਾ ਪ੍ਰੀਤ ਆ ਕੇ ਮਿਲਜਾ ਤੂੰ ਮੈਨੂੰ ਖੰਡ ਬਣਕੇ
ਕਿਤੇ ਤੇਰਾ ਗੁਰਲਾਲ ਨਾ ਛੱਡ ਜੇ ਸਵਾਸ ਮਿੱਠੀਏ

ज़िन्दगी जीना सीखा रही थी || life shayari

कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,

फिर ढूँढा उसे इधर उधर
वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,

एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी

हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,

मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी।

Sabke gunahon ki Saja || 2 lines sad hindi shayari

Sabke gunahon ki Saja || 2 lines sad hindi shayari


Kuchh is kadar apno ne badal diya || hindi 2 lines shayari

Kuchh is kadar apno ne badal diya || hindi 2 lines shayari


Khoya hun khayalon mein

Khoya hun khayalon mein || hindi shayari from heart


दबी आवाज़ || bikhre hua shabad shayari in hindi

बिखरे हुए हैं शब्द मेरे, जैसे एक टूटा हुआ साज हूँ,
नि:शब्द हूँ मैं जैसे एक दबी आवाज़ हूँ ,
लिख रहा हूँ मैं अपना दर्द स्याही में,
जैसे कोई अनकही बात हूँ ,
लोगों ने करी है मेरी तारीफ़ें, जैसे मै उनके सर का ताज हूँ ,
नज़रें थी तेज मेरी इस कदर, जैसे मै बाज़ हूँ ,
बीता वो कल जिसमें मिले धोखे मुझे, आज बीता कल भी तरस खाता है मुझपे, जो मैं आज हूँ,
शांत हूँ मैं इन चालाकों के झुंड में, क्यूँकि मैं आने वाले तूफ़ान का आग़ाज़ हूँ ,
जो थे मेरे साथ जब अकेला था मैं, मैं आने वाले कल में भी उनके साथ हूँ ,
और जो सोचते थे कि गिरूँगा मैं लड़खड़ाते हुए ज़िंदगी में, उनके लिए एक बुरा ख़्वाब हूँ ,
सपनो को अपने मैं लेकर उडूँगा एक दिन,
जैसे हवा को चीरता हुआ जहाज़ हूँ ,
पर फ़िलहाल बिखरा हुआ शब्द हूँ, एक टूटा हुआ साज हूँ ।।