Skip to content

Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English

Zindagi

उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं

सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं

इक बीमार वसीयत करने वाला है

रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं

बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है

चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं

धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की

सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं

साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है

घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं

आज शिकारी की झोली भर जाएगी

आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं

Fir bhi kareeb raho

इश्क़ है …न चाह है तुझे पाने की, 

फिर भी करीब रहो ये अच्छा लगता है,,

ख्वाब है न हकीकत है.. दरमियाँ अपने

फिर भी तुम्हें सोचना अच्छा लगता है,,

दूर हो न करीब ही हो मेरे “जाना”

फिर भी तू हमकदम हो अच्छा लगता है,,

पराया है न अपना ही है तू मेरा

फिर भी तेरा साथ अच्छा लगता है।।🌻🌻

Ek meri gali || hindi love shayari

मेरी एक गली,उसकी गली से जुड़ी है

मेरे पाव नहीं मुड़े, यही सड़क मुड़ी है

मैं मुस्कुराकर,बोल पड़ा इन दोस्तों से 

देखो मेरी ज़न्नत, खिड़की पर खड़ी है

उतने ऊपर, मेरा खुदा भी नहीं दोस्त

उनकी कलाई पे जितनी,चूड़ी चड़ी है

मेरे पूरे हुज़रे पर, साया करती है वो

शहर में उनकी बिल्डिंग इतनी बड़ी है

kisi ne asha kisi ne bura bataya || hindi kavita

किसी ने अच्छा,किसी ने बुरा बताया है

मेरे बारे जिसने जो सुना,वही सुनाया है

हम दोनो के दिन पर,टंगी है एक तख्ती

उसने सावधान, हमने खतरा लगाया है

हम जब जब बढ़े हैं,तो गिराया है उसने

वो जब जब गिरा, हमने हाथ बढ़ाया है

भैरव,मेरा कोहिनूर,ये पूछ रहा है हमसे

अरे क्यूं नाम के आगे,फ़कीर लगाया है

Ajh raat bhar raat ka || dard shayari

मुर्शिद आज चराग़-ए-ग़म जलाऊँगा मैं

आज रात भर रात का दिल दुखाऊँगा मैं

आज किताब-ए-मुहब्बत के साथ साथ

तेरी निशानियों को भी आग लगाऊँगा मैं

ऐ सितमगर एहतियात-ए-हिजाब करना

अब फ़क़त तुझपे ही क़लम उठाऊँगा मैं

Me haqeeqat likhu

मैं हकीकत लिखूं या फसाना लिखूं, 

उसको ना देखने का बहाना लिखूं,

बेतहाशा अगर है मोहब्बत उसे ,

नाम उसके मैं एक जिंदगानी लिखूं।

🙈❤️😘

Teri aankho me yeh aaj sharat nai hai

तेरी आंखों में ये आज शरारत नई है

 बदन में मेरे उठी ये हरारत नई है

 क्या ये सब मेरे इश्क़ का असर है

 या तेरे दिल में ये पल रही चाहत नई है

 ये तेरे मस्कारे ये तेरा जुल्फे संवारना

 लगता आज किसी पे क़यामत नई है

 तेरे बेवफा इशारे खूब समझता हूं

 लगता आज मेरे दिल पे शामत नई है