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Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English

Ehsaas dil ke paas || hindi ehsaas shayari

जिंदगी में कुछ वक्त यादगार होते हैं।

शादी में कुछ लोग खास होते हैं।।

यू तो दूर होते हैं नजरों से।

पर उनके ऐहसास दिल के पास होते हैं।।

Dolat ka fitoor nahi || shayari in hindi

सादा सी एक लड़की है,हूर नहीं है

जिस्म से दूर है, दिल से दूर नहीं है

कैसे तोलें, दौलत से मोहब्बत को

हमे चढ़ा दौलत का, फितूर नहीं है

chup reh kar || hindi shayari || kavita

चुप रह कर, ये क़माल देखने लगा

उस शिकारी का,ज़ाल देखने लगा

उसने कहा, देखो आ गया समंदर

और मैं अपना, रुमाल देखने लगा

पहले उसने मेरा सर रखा,कंधे पर

फिर वो भीगे हुए,गाल देखने लगा

इसको नया इश्क़,मंज़ूर ही कहां है

दिल फिर पुराना,साल देखने लगा

याद आ गए,फिर उसके गाल मुझे

मैं होली में जब,गुलाल देखने लगा

और जब निवाला देकर,ली फोटो

मुस्कुरा के मैं, हड़ताल देखने लगा

Jo dost the kabhi || hindi badnaam shayari

जो दोस्त बने थे कभी,वो आज मेरे दुश्मन हैं,

चूड़ियां सारीं उसकी,मेरे नाम के दो कंगन हैं,

उस रहीस के लिए, हर एक मौसम है साबन,

यहां पर,ना ज़मीन,ना घर,ना कोई आंगन है,

तुम्हे है खोफ़,तो डालो कोई,नक़ाब चेहरे पर,

ना दिल तोड़ा, ना लूटा, मेरा बेदाग दामन है,

Me baat karke baat || hindi amazing shayari

मैं बात कर के बात, बढ़ा रहा हूं

फोन से कुछ तस्वीरें,हटा रहा हूं

तेरा नाम याद रख सकूं,इसलिए

तेरे नाम के पासवर्ड लगा रहा हूं

मेरे बाद,है तेरा कोई एक रफ़िक

तुझसे पूछ नहीं रहा,बता रहा हूं

मेरी बात पर, यकीन नहीं है इसे

सोए एक शख्स को,जगा रहा हूं

teri mohobat me haar ke

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के

वीराँ है मैकदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास है

तुम क्या गये के रूठ गये दिन बहार के

इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन

देखे हैं हमने हौसले परवर-दिगार के

दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया

तुझ से भी दिल फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के

भूले से मुस्कुरा तो दिये थे वो आज ‘फ़ैज़’

मत पूछ वलवले दिलए-ना-कर्दाकार के

Woh jaado garni hai || hindi kavita

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जादूगरनी…

वो लड़की जादूगरनी है।

कभी शोला, कभी शबनम जैसी,

कभी दूज, कभी पूनम जैसी,

कभी गुस्सा, कभी सरगम जैसी,

कभी चोंट, कभी मरहम जैसी,

कभी शीशम, कभी रेशम जैसी,

कभी गैर, कभी हम-दम जैसी,

कभी वो सम, कभी विषम जैसी,

रोज़ बदलते मौसम जैसी,

रंग-बिरंगी मौरनी है,

वो लड़की जादूगरनी है।

कभी वो मक्खन, कभी मलाई,

कभी वो मिर्ची, कभी मिठाई,

कभी नगाड़ा, कभी शहनाई,

कभी अलसाई, कभी अँगडाई,

कभी वो झूठी, कभी सच्चाई,

कभी बुराई, कभी भलाई,

कभी कहानी, कभी कविताई,

उसने मेरी नींद चुराई,

इस दिल की एक चोरनी है,

वो लड़की जादूगरनी है।

चंचल चितवन मादक नूरी,

खिली-खिली सी वो पांखुरी,

नख से शिख तक लगे अँगुरी,

नैन मिलें तो चल गई छुरी,

वो मेरे जीवन की धुरी,

धड़कन उसके बिना अधूरी,

सही न जाएं उससे दूरी,

जिसकी नाभि में कस्तुरी,

प्रेम वन की एक हिरनी है,

वो लड़की जादूगरनी है।

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Lo aajh mehfil sajji

लो आज महफिल सजी हैं हमारे लिए

सुनने को मुझे तैयार हर कोई है

पर दिल ने इजाजत नहीं दी है अभी

मेरी गजलो का हकदार और कोई है