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Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English

Ek ishq ka dard || hindi dard bhari shayari

हकीक़त बता रहा हु, ये सपना समझ रहे हैं

और हर एक आशिक़ का दर्द, एक जैसा है

मैं अपना सुना रहा हूं,ये अपना समझ रहें है

Haa naa poosho hamaara

हाल न पूछो हमारा..

बस मेरे लिखे खत को महसूस करो

दर्द भी तड़पती है कागज़ पर

मुझे कोई इस आग से महफूज करो

Iraade umeedo ke sakhat lagte ho || hindi shayari

इरादे उम्मीदों के,सख़्त लगते हो

तुम मुझे मेरा,बुरा वक्त लगते हो

होठों पर नज़र,नहीं जाती है क्या

माथा चूम कर,क्यू गले लगते हो

यार लहज़ा ऐसा, क्यूं है तुम्हारा

देखने में,इंसान तो भले लगते हो

तुम्हे क्या पता,दिल कहतें हैं इसे

तुम जो खिलोने, बेचने लगते हो

सच्चा इश्क़ ही तो, मांगा है मैंने 

हर बार ये क्या, सोचने लगते हो

उदास हो कर कहते हैं,अलविदा

जब तुम ये,घड़ी देखने लगते हो

के कुछ पहेलियां भी,समझा करो

तुम मतलब,क्यों पूछने लगते हो

कोई ख्याल बचा कर,रखो भैरव

तुम तो बस,कलम ढूढने लगते हो

गिरा तो फ़िर कभी,उठा ना मिला

गिरा तो फ़िर कभी,उठा ना मिला

बंदों का हुज़ूम था,खुदा ना मिला

ज़िस्म ना मिले,तो क्या हुआ यार

वो दिल से कभी, जुदा ना मिला

परिंदों के जैसा था, इश्क़ उसका

कोई वादा, कोई वास्ता ना मिला

ऐसे हुआ दिल पर,कब्ज़ा उसका

धड़कनों को भी, रास्ता ना मिला

उसके शाहपरस्त भी हैं,बादशाह

कोई भी पत्थर,तरास्ता ना मिला

हम रोशनी में बैठकर,सारी रात लिखते हैं 

हम रोशनी में बैठकर,सारी रात लिखते हैं

उस नक़ाव में हमको,दो चिराग़ दिखते हैं

तुझको अंदाज़ा भी नहीं होगा,के मेरे बगैर

तेरे पास बैठे लोग,कितने ख़राब दिखते हैं

uska ishq hame jaan se pyaara

वो हुज़रा हमको,मक़ान से प्यारा है

उसका इश्क़ हमे, ज़ान से प्यारा है

नफ़रत करता है,अफताफ अंधेरे से

जुगनू को अंधेरा,ज़हान से प्यारा है

तुम्हारे मुंह से,ये अच्छा नहीं लगता 

उसका नाम,मेरी ज़ुबान से प्यारा है

वाकी सारे है, इन सितारों की तरह 

बस वो एक चेहरा, चांद से प्यारा है

सब काट के,एक लकीर उसकी बना 

वो नफा,हज़ार नुकसान से प्यारा है

घूम लो जाकर, हज़ारों देश विदेश

कोई नहीं,जो हिंदुस्तान से प्यारा है

Ek dard aur || hindi dard shayari

बिछड़ते वक्त,एक दर्द और दे गया

दिल में रहा,फिर दिल ही ले गया

अब खाली बादल है, ज़िंदगी मेरी

वो सर्दी गर्मी, सारे मौसम ले गया

यही सोच कर रोता हूं, अक्सर मैं

किस जगह अपने, कदम ले गया

छोटी-छोटी बात,सोचने वाला मैं

क्यूं बड़ा फैसला, एकदम ले गया

तोहफ़े भी लिए, और दिए बहुत

वो खुशी ले गया, मैं गम ले गया

और फिर होतीं रहीं, बारिशे वहां

मैं जहां से भी आंखें, नम ले गया