Kihde kole dukh dasiye
likhe bhaag nahi mitde
jakham tan bhar jaande
par daag nahi mitde
ਕਿਹਦੇ ਕੋਲੋਂ ਦੁਖ ਦੱਸੀਏ
ਲਿਖੇ ਭਾਗ ਨਈ ਮਿੱਟਦੇ
ਜ਼ਖਮ ਤਾਂ ਭਰ ਜਾਂਦੇ
ਪਰ ਦਾਗ ਨਈ ਮਿੱਟਦੇ
Kihde kole dukh dasiye
likhe bhaag nahi mitde
jakham tan bhar jaande
par daag nahi mitde
ਕਿਹਦੇ ਕੋਲੋਂ ਦੁਖ ਦੱਸੀਏ
ਲਿਖੇ ਭਾਗ ਨਈ ਮਿੱਟਦੇ
ਜ਼ਖਮ ਤਾਂ ਭਰ ਜਾਂਦੇ
ਪਰ ਦਾਗ ਨਈ ਮਿੱਟਦੇ
Aadatein acchi ho to badal na q
Zamane bhar se chupna q
Khubsurat ye zindegi ,bass ek baar hi milti hai
Phir kisike daar se isse gawana q
आदतें अच्छी हो तो बदलना क्यूं
ज़माने भर से छुपाना क्यूं
खूबसूरत ये ज़िंदगी , बस एक बार ही मिलती है
फिर किसी के डर से , इसे गवाना क्यूं
ख़िज़ाँ का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
किसे ख़बर थी बिछड़कर न मिल सकेंगे कभी
न ख़त्म होगा तेरे इन्तिज़ार का मौसम
ग़रज़ का दौर है सबको हैं अपनी अपनी धुन
किसी को रास न आया पुकार का मौसम
ढला है हुस्न तो मशहूर बेवफ़ाई हुई
गुज़र गया है तेरे इन्तिज़ार का मौसम
उड़ाए फिरती है आवारगी की आंधी हमें
हमें नसीब कहाँ ज़ुल्फ़-ए- यार का मौसम
बुझे हैं रेख़्ता हम तो बुझे नज़ारे हैं
उदास उदास लगा हुस्न -ए- यार का मौसम