कंडो के साथ ही
तुमने मेरा प्रेम भी थापा,
उसे गोबर की तरह ढोया सिर पर,
घर से दूर ले जाकर,
खलिहान के किसी कोने में,
प्यार से, दुलार से,
पूचकार कर, आकार दिया,
धूप में सुखाया,
बारिश से बचाया बार बार पलटाया,
मैं और कंडे_ लायक बने,
तुम्हारे लिए जलने को_
Enjoy Every Movement of life!
कंडो के साथ ही
तुमने मेरा प्रेम भी थापा,
उसे गोबर की तरह ढोया सिर पर,
घर से दूर ले जाकर,
खलिहान के किसी कोने में,
प्यार से, दुलार से,
पूचकार कर, आकार दिया,
धूप में सुखाया,
बारिश से बचाया बार बार पलटाया,
मैं और कंडे_ लायक बने,
तुम्हारे लिए जलने को_

