Sanu mohobbat te taan hi guroor hoye
Sada mail jo kita ohne naal tuhade
Us rabb de haan taan hi mashkoor hoye..!!
आज गया ऐसे ही
कल भी चला जायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
दुःख है आज जिंदगी मे तेरे
कल सुख भी पायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
साथी पहुंच जायेगे बहुत आगे
तू पीछे ही रह जायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
समय बितता जायेगा
तू सोचता ही रह जायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
जिंदगी के सभी सपने
मेहनत से ही पुरे कर पायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
आज मेहनत करेगा तभी
कल मेहनत का फल पायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
जब शरीर मे जान ही नही बचेगी
तब क्या मेहनत करेगा
आज गया समय ऐसे ही
कल तो तू ही चले जायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
जब कुछ नही कर पायेगा तो
किस्मत को जिम्मेवार ठहरायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
मेहनत कर ऐ इंसान तू अब
कब तक ऐसे बैठे रहेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
गरीब है अगर तू आज
कल अमीर बन जायेगा|
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
कब तक परिवारवालो की
मेहनत की रोटी तू खायेगा
एक दिन तू जरूर पछतायेगा
बिना मेहनत करें ऐ इंसान
तू कुछ नही कर पायेगा|
मेहनत कर ऐ इंसान
तू आगे ही बढ़ता जायेगा
दुनिया के नजरों मे एक दिन
सफल इंसान बन जायेगा|
अब सुन ऐ इंसान एक बात आज
जब तक नही निकालेगा अपने
अंदर के आलस को तू बाहर
तब तक मेहनत करने से
कतरायेगा तू हर बार|
कामयाब वही होते है
जो कुछ कर दिखाते है
वरना सोचता तो हर इंसान है|
सोच मे तो ऐ इंसान तू बैठे-बैठे
बडे बडे सपने देख लेता है
जब मेहनत करने समय आता है
तो सपनो को दो मिनट मे तोड़ देता है|
सपने ऐसे देख जिसको तू पूरा कर सके
ऐसे सपने ही क्यों देखने जिनको
पाने की तू हिम्मत ही न रख सके |
कितने आये जिंदगी मे
ओर कितने चले गये
नाम उनका ही रहा
जो कुछ करके दिखा गये|
वो सोचते थे जो भी
उसको पूरा करके दिखाते थे
उनका मुँह नही बोलता था
काम बोलके दिखाता था |
मेहनत करके ऐ इंसान
जब तू इस जिंदगी से जायेगा
तेरा नाम रहेगा इस दुनिया मे
ओर तू अमर कहलायेगा.
Mann aur meri baatein…(Auron ki baat kya, tum khud k bhi sage nhi.)
Fursat mile kabhi toh mujhse bhi Milo…
Begairat khwabon ko chhod meri bhi sun lo…
Auron ki sun sun k ubb se gye ho…
Gairon se lad lad k akhir thak bhi gye ho……
Khud k kyalon व sawalon se dar gye ho…
Kya khoya kya paya k hisaabon se jo bhar gye ho…
Toh kabhi mujh se bhi mil lo…
Ek baar hi sahi par meri bhi sun lo…
Maana ki bhaagna fitrat h tumhari…
Banaye Jo rishte, adhoori reh gyi saari
Auron ki khatir ..taumra jo guzari…
Shayad ab utri h sir se zamane ki khumari…
Toh kahi Kone me ek jagah chun lo…
Kya keh raha main…usse bhi sun lo…
Toh kya hua jo tm bhaagte hi reh gye
Banaye rishte adhure hi reh gye…
Kya na bhaagna wala bhi ek jagah ruk paya h…
Marne se pehle koi pura kaha ho Paya h…
Chhod sb mere raaste ko chun lo….
Kabhi fursat mile toh meri bhi sun lo…