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Maa || punjabi shayari

ਲੈ ਨੀ ਸਕਦਾ ਤੇਰੀ ਥਾਂ ਕੋਈ ।
ਏਹ੍ਹ ਗੱਲ ਮੇਰੇ ਰਬ  ਤੋਂ ਵੀ ਲੁਕੀ ਨਹੀਂ ।।

ਕਿਨੇਆ  ਨਾਲ  ਦਿਲਾਂ ਦੀ ਕੁਰਬਤ ਸੀ ।
ਪਰ ਤੇਰੀ ਕਮੀ ਖਲਦੀ ਰਹੀ ।।
ਤੇਰੀ ਬੁੱਕਲ ਚ ਜੋ ਨਿੱਘ ਸੀ ।
ਉਹ ਤਾ ਆਤਿਸ਼ ਦੀ ਲੋਅ ਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ।।
ਹਰ ਪੰਨੇ ਤੇ ਤੇਰਾ ਜ਼ਿਕਰ ਹੈ ।
ਜਿਦਾਂ  ਮੇਰੇ ਵਜੂਦ ਤੋਂ ਤੇਰਾ ਨਾਮ ਮਿਟਣਾ ਨਹੀਂ ।।
ਨਿਰੋਲ ਜਾਹਿ ਜਾਪਦੀ ਆ ਤੇਰੀ ਤਸਵੀਰ ਇਸ ਚਾਰ ਦੀਵਾਰੀ ਚ ।
ਸਬ ਹੈ ਬੱਸ ਤੇਰੀ ਉਹ ਅਫਸੂਨ ਕਰਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਨਹੀਂ।।
ਕਿਨੀ ਦਫ਼ਾ ਤੈਨੂੰ ਸੁਫ਼ਨੇ ਚ ਮਿਲਦੀ ਰਹੀ ਆ ਮਾਂ ।
ਬੱਸ ਤੂੰ ਹੁਣ ਸਿਰ ਤੇ ਹੱਥ ਫੇਰ ਜਗਾਉਂਦੀ ਨਹੀਂ ।
ਸਿਰ ਤੇ ਹੱਥ ਫੇਰ ਜਗਾਉਂਦੀ ਨਹੀਂ ।।

Title: Maa || punjabi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Hindi kavita || बहती नदी – सी || hindi poetry

थी मै,शांत चित्त बहती नदी – सी
तलहटी में था कुछ जमा हुआ
कुछ बर्फ – सा ,कुछ पत्थर – सा।
शायद कुछ मरा हुआ..
कुछ अधमरा सा।
छोड़ दिया था मैंने
हर आशा व निराशा।
होंठो में मुस्कान लिए
जीवन के जंग में उलझी
कभी सुलगी,कभी सुलझी..
बस बहना सीख लिया था मैंने।
जो लगी थी चोट कभी
जो टूटा था हृदय कभी
उन दरारों को सबसे छुपा लिया था
कर्तव्यों की आड़ में।
फिर एक दिन..
हवा के झोंके के संग
ना जाने कहीं से आया
एक मनभावन चंचल तितली
था वो जरा प्यासा सा
मनमोहक प्यारा सा।
खुशबूओं और पुष्पों
की दुनिया छोड़
सारी असमानताओं और
बंधनों को तोड़
सहमी – बहती नदी को
खुलकर बहना सीखा गया,
अपने प्रेम की गरमी से
बर्फ क्या पत्थर भी पिघला गया।
पाकर विश्वास कोमल भावों से जोड़े नाते का
सारी दबी अपेक्षाएं हो गई फिर जीवंत
लेकिन क्या पता था –
होगा इसका भी एक दिन अंत !
तितली को आयी अपनों की याद
मुड़ चला बगिया की ओर
सह ना सकी ये देख नदी
ये बिछड़न ये एकाकीपन
रोयी , गिड़गिड़ाई ..की मिन्नतें
दर्द दुबारा ये सह न पाऊंगी
सिसक सिसक कर उसे बतलाई।
नहीं सुनना था उसे,
नहीं सुन पाया वो।
नहीं रुकना था उसे,
नहीं रुक पाया वो।
तेज उफान आया नदी में,
क्रोध और अवसाद
छाया मन में,
फिर छला था
नेह जता कर किसी ने।
आवाज देती..लहरें,
उठती और गिरती
किनारों से टकराती,
हो गई घायल।
बीत गए असंख्य क्षण
उसकी वापसी की आस में
लेकिन सामने था, तो सिर्फ शून्य।
हो गई नदी फिर से मौन..
छा गई निरवता।
लेकिन अबकी बार,
नहीं जमा कुछ तलहटी में
कुछ बर्फ सा,
कुछ पत्थर सा।
बस रह गया भीतर
रक्तिम हृदय..
और लाल रक्त।
जो रिस रिस कर
घुलता जा रहा है
मिलता जा रहा है
अपने ही बेरंग पानी में…।।

Title: Hindi kavita || बहती नदी – सी || hindi poetry


Mohobbat de kehar || sad but true Punjabi shayari || Punjabi status

Mohobbat vi dilan te ki kehar kamawe
Kise rajj ke rulawe
Kise gal naal lawe..!!

ਮੋਹੁੱਬਤ ਵੀ ਦਿਲਾਂ ਤੇ ਕੀ ਕਹਿਰ ਕਮਾਵੇ
ਕਿਸੇ ਰੱਜ ਕੇ ਰੁਲਾਵੇ
ਕਿਸੇ ਗਲ ਨਾਲ ਲਾਵੇ..!!

Title: Mohobbat de kehar || sad but true Punjabi shayari || Punjabi status