Motra da pani peeta
filtraa da peeta ni
koteyaa te kaara da
maan kade kita ni
ਮੋਟਰਾਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਪੀਤਾ
ਫਿਲਟਰਾ ਦਾ ਪੀਤਾ ਨੀ
ਕੋਠਿਆਂ ਤੇ ਕਾਰਾਂ ਦਾ
ਮਾਨ ਕਦੇ ਕੀਤਾ ਨੀ।
Motra da pani peeta
filtraa da peeta ni
koteyaa te kaara da
maan kade kita ni
ਮੋਟਰਾਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਪੀਤਾ
ਫਿਲਟਰਾ ਦਾ ਪੀਤਾ ਨੀ
ਕੋਠਿਆਂ ਤੇ ਕਾਰਾਂ ਦਾ
ਮਾਨ ਕਦੇ ਕੀਤਾ ਨੀ।
मयकदे में बैठ कर जाम इश्क़ के पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
मोहब्बत भी कि, वफा भी रास आई,
थामा जब हाथ उसका तो जैसे ज़िन्दगी पास आई…
बंद आंखों में एहसासों को जी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
इश्क़ दिल से किया कलम से दास्तां लिखा,
मै ज़मीन पर सही उसे आसमां लिखा,
कुछ बिखरे लम्हों को पलकों के धागों से सी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
नजदीकियों का डर है, थोड़ा गुमराह हूं,
ना जाने धड़कने क्यों तेज़ है, मै भी तो हमराह हूं,
लग रहा है मै भवरा बन फूलों से खुशबू पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
सुबह कुछ दस्तक दी शाम को वो लम्हें चल दिए,
वक्त की बंदिशें थी हम भी उनके पीछे चल दिए…
अगली सुबह के इंतज़ार में वक्त का दरिया पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों अब मै ख़्वाबों को जी रहा हूं…