Main jee k vi mar chukeya
Main jitt k v har chukeya
Bade Dunge ne eh raaz
Main dafan kar chukey
Main jee k vi mar chukeya
Main jitt k v har chukeya
Bade Dunge ne eh raaz
Main dafan kar chukey
उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं
सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं
इक बीमार वसीयत करने वाला है
रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं
बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है
चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं
धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की
सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं
साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है
घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं
आज शिकारी की झोली भर जाएगी
आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं
मैं दर्द की इंतहा पर हूं
मैं एक शख्स का बुलाया हुआ हूं
लोग मुझको गमगीन समझते हैं
मैं एक शख्स का सताया हुआ हूं
नहीं है मुझ पर कोई कर्जा
मैं हर रिश्ते को निभाया हुआ हूं
मैं लोगों से नहीं मिलता अक्सर
मैं एक राज को छुपाया हुआ हूं
मिस्बाह परवाह नहीं है रोशनी की
मैं एक शमा जला या हुआ हूं
main dard kee intaha par hoon
main ek shakhs ka bulaaya hua hoon
log mujhako gamageen samajhate hain
main ek shakhs ka sataaya hua hoon
nahin hai mujh par koee karja
main har rishte ko nibhaaya hua hoon
main logon se nahin milata aksar
main ek raaj ko chhupaaya hua hoon
misbah parvaah nahin hai roshanee kee
main ek shama jalaaya hua hoon