Eh birha di peedh maithon sambhali nai jaani
tu shayed mainu bhul gai, par maithon bhuli nai jaani
ਇਹ ਬਿਰਹਾ ਦੀ ਪੀੜ ਮੈਥੋਂ ਸੰਭਾਲੀ ਨਈ ਜਾਣੀ
ਤੂੰ ਸ਼ਾਇਦ ਮੈਨੂੰ ਭੁਲ ਗਈ
ਪਰ ਮੈਥੋਂ ਭੁੱਲੀ ਨਈ ਜਾਣੀ
only gurumukhi punjabi shayari
Eh birha di peedh maithon sambhali nai jaani
tu shayed mainu bhul gai, par maithon bhuli nai jaani
ਇਹ ਬਿਰਹਾ ਦੀ ਪੀੜ ਮੈਥੋਂ ਸੰਭਾਲੀ ਨਈ ਜਾਣੀ
ਤੂੰ ਸ਼ਾਇਦ ਮੈਨੂੰ ਭੁਲ ਗਈ
ਪਰ ਮੈਥੋਂ ਭੁੱਲੀ ਨਈ ਜਾਣੀ
only gurumukhi punjabi shayari
Don’t bend; don’t water it down; don’t try to make it logical; don’t edit your own soul according to the fashion. Rather, follow your most intense obsessions mercilessly
Franz Kafka
“तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है I
बिना बात हसाती है, रुलाती है I
बड़े -बड़े ख्याब दिखलाती है I
क्योंकि, तन्हाई में भी है बहुत सी अच्छाई I
अपने आप से मिलबाती है I
ज़िंदगी जीने का तरीका सिखलाती है I
आपनो की याद दिलाती है I
बातें जो दफ़न हो गई है यादों की कब्र में उस से मिलबाती है I
क्योंकि, तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है I
ख्यालों के मजधार में डुबोती है I
खुद पर भरोसा करना सिखलाती है I
क्योकि तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है I”