मंजिल तो मिल ही जाएगी भटकते ही सही
गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं
मंजिल तो मिल ही जाएगी भटकते ही सही
गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं
आंखों में काजल , माथे पर बिंदी , खुले बालों में जब वो सामने आती है ,
मां कसम यार कुछ पल के लिए सांसे थम जाती है ❤️
और जब पास आ कर आंखों में आंखे डाल कर पूछती है कैसी लग रही हूं……………
कुछ बोल नही पाता पर यारों जान निकल जाती है। ❤️❤️
Machda na jaa sukun kol dekh ke
Kayi dard sirhane lai saunde haan..!!
Bharosa na kar ehna haaseyan te
Asi hassan vale aksar bahla ronde haan..!!
ਮੱਚਦਾ ਨਾ ਜਾ ਸੁਕੂਨ ਕੋਲ ਦੇਖ ਕੇ
ਕਈ ਦਰਦ ਸਿਰਹਾਣੇ ਲੈ ਸੌਂਦੇ ਹਾਂ..!!
ਭਰੋਸਾ ਨਾ ਕਰ ਇਹਨਾਂ ਹਾਸਿਆਂ ‘ਤੇ
ਅਸੀਂ ਹੱਸਣ ਵਾਲੇ ਅਕਸਰ ਬਾਹਲਾ ਰੋਂਦੇ ਹਾਂ..!!