
shehar tere di haa jehrili
galiyaan ehdiyaan maut nu bulawe marn
rooh meri ne pyaar payiaa injh tere shehar naal
jive parwane ne paiyaa e shmaa naal

shehar tere di haa jehrili
galiyaan ehdiyaan maut nu bulawe marn
rooh meri ne pyaar payiaa injh tere shehar naal
jive parwane ne paiyaa e shmaa naal
गजल (बे बहर)
जाने क्या हो गया है कैसी इम्तिहान की घड़ी है,
एक आशिक पे ये कैसी सजा आन पड़ी है!
आस भी क्या लगाएं अबकी होली पे हम उनसे,
दुनिया की ये खोखली रस्में तलवार लिए खड़ी है!
मैंने देखें हैं गेसुओं के हंसते रुखसार पे लाली
मगर हमारे चेहरे पे फिर आंसुओं की लड़ी है!
दर्द है, हिज्र है,और धुंधली सी तस्वीर का साया भी
तुम महलों में रहते हो तुमको हमारी क्यों पड़ी है !!
कैसे मुकर जाऊं मैं खुद से किए वादों से अभी,
अब मेरे हाथों में ज़िम्मेदारियों की हथकड़ी है!
तुमको को प्यार है दौलत ए जहां से अच्छा है,
मगर इस जहान में मेरे लिए मां सबसे बड़ी है !!
ਉਹ ਦੇਵੇ ਮੈਨੂੰ ਧੌਖਾ ਓਹਨੂੰ ਲਗਦਾ ਮੈਨੂੰ ਭਮਕ ਨੀ, ਉਹ ਦੇਵੇ ਮੈਨੂੰ ਝੁਠੇ ਦਿਲਾਸੇ ਓਹਨੂੰ ਲਗਦਾ ਮੈਨੂੰ ਕੁੱਝ ਸਮਜ਼ ਨੀ
ਸੱਜਣਾ ਸਿੱਧੀ ਆਹ ਸਿਧਰੀ ਨੀ….😊