मैं हकीकत लिखूं या फसाना लिखूं,
उसको ना देखने का बहाना लिखूं,
बेतहाशा अगर है मोहब्बत उसे ,
नाम उसके मैं एक जिंदगानी लिखूं।
🙈❤️😘
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मैं हकीकत लिखूं या फसाना लिखूं,
उसको ना देखने का बहाना लिखूं,
बेतहाशा अगर है मोहब्बत उसे ,
नाम उसके मैं एक जिंदगानी लिखूं।
🙈❤️😘
कुछ बोलूं तो इतराते बहुत हो,
जानेमन तुम मुस्कुराते बहुत हो,
मन करता है तुम्हे दावत पर बुलाऊँ,
लेकिन जानेमन तुम खाते बहुत हो।
ऐ दोस्त 🤬 , हर खुशी 😊 को तेरी तरफ मोड़ दु ,
तेरे लिए चांद ☪️ सितारे तक तोड़ दु …
सारी खुशियों के दरवाज़े तेरे लिए खोल दू ,
इतना ठीक है या , दो चार झुठ ओर बोल दु …. ।। 😜