मैं हकीकत लिखूं या फसाना लिखूं,
उसको ना देखने का बहाना लिखूं,
बेतहाशा अगर है मोहब्बत उसे ,
नाम उसके मैं एक जिंदगानी लिखूं।
🙈❤️😘
Enjoy Every Movement of life!
मैं हकीकत लिखूं या फसाना लिखूं,
उसको ना देखने का बहाना लिखूं,
बेतहाशा अगर है मोहब्बत उसे ,
नाम उसके मैं एक जिंदगानी लिखूं।
🙈❤️😘
Kismat ye mera imtehaan le rahi hai
Tadap kar yeh mujhe dard de Rahi hai
Dil se kabhi bhi mene use door nhi kiya
Fir kyu bewafai Ka veh ilzaam de Rahi hai
किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है
तड़प कर यह मुझे दर्द दे रही है
दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया
फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है
ginatee mein zara kamazor hoon,
jakhm behisaab na diya karo.…
गिनती में ज़रा कमज़ोर हूं,
जख्म बेहिसाब ना दिया करो.…