
jo tu gairo ke sath
guzaar rahi hai, un raato me hu
idhar udhar mudhkar na dekh mujhe
mai to hawa ban kar abhi bhi
teri saanso me hu

कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर ढूँढा उसे इधर उधर
वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,
एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,
मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी।
agar in aansooon kee kuchh keemat hotee,
to kal raat vaala takiya arabon mein bikata…
अगर इन आंसूओं की कुछ कीमत होती,
तो कल रात वाला तकिया अरबों में बिकता…
If these tears had some value,
then last night’s pillow was sold in billions…