मेरे साथ जब मैं खुद खड़ा होता हूँ
तब मैं क़यामत के हर तूफ़ान से
बड़ा होता हूँ !!
मेरे साथ जब मैं खुद खड़ा होता हूँ
तब मैं क़यामत के हर तूफ़ान से
बड़ा होता हूँ !!

उसकी एक मुस्कुराहट, मेरे दिल की कई हसरतों को जिंदा करती है..
उसके रूप की स्याही मानो, कई रंग मेरे दिल में भरती है..
नजाकत से भरी नजरें जैसे, कह रही हों के मुझपे मरती हैं..
जवाब में मेरी नजरें भी उसे, हाँ में इशारा करती हैं..
कहते-कहते कई बातों को, जुबान कई बार ठहरती है..
मन ही मन काफ़ी कुछ कहकर, कुछ भी कहने से डरती है..