मेरी तकलीफ़ किसने जानी,
वो अपने में मगरूर था,
दर्द ना दिखा उसे मेरा,
वो दूसरों में खोया था।
Well done is better than well said
मेरी तकलीफ़ किसने जानी,
वो अपने में मगरूर था,
दर्द ना दिखा उसे मेरा,
वो दूसरों में खोया था।
झपकियां ले लेकर थक चुकी है ज़िंदगी, आंखों को नींद का सहारा चाहिए और सपनों को उसकी बाहों का....
Tere naal mulakat menu injh japdi e
Jiwe hawawan di hundi kise udd de prinde naal..!!
ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਮੁਲਾਕਾਤ ਮੈਨੂੰ ਇੰਝ ਜਾਪਦੀ ਏ
ਜਿਵੇਂ ਹਵਾਵਾਂ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਕਿਸੇ ਉੱਡਦੇ ਪਰਿੰਦੇ ਨਾਲ..!!