asi ishq de haare
saanu ds aakhir kehde sahaare
asi mohobat vich malang fakeer hoye
saade apne aa lai rakeeb hoye
asi taa shikar v ohna shikaareyaa de haa
jo roohaa nu ishq ch paa bedardi naal chaare
ਅਸੀਂ ਇਸ਼ਕ ਦੇ ਹਾਰੇ
ਸਾਨੂੰ ਦੱਸ ਆਖਿਰ ਕਿਹਦੇ ਸਹਾਰੇ
ਅਸੀਂ ਮਹੋਬਤ ਵਿਚ ਮਲੰਗ ਫ਼ਕੀਰ ਹੋਏ
ਸਾਡੇ ਆਪਣੇ ਆ ਲਈ ਰਕੀਬ ਹੋਏ
ਅਸੀਂ ਤਾਂ ਸ਼ਿਕਾਰ ਵੀ ਓਹਣਾ ਸ਼ਿਕਾਰੀਆਂ ਦੇ ਹਾਂ
ਜੋਂ ਰੂਹਾਂ ਨੂੰ ਇਸ਼ਕ ਚ ਪਾ ਬੇਦਰਦੀ ਨਾਲ ਚਾਰੇ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
उठता है तूफान सीने में जब
जहन में सवाल इक आता है
जब जाना ही है दूर तो
क्यों करीब कोई आता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
जिसे देखना भी नही मुनासिब
आंखे बंद कर करीब उसी को पता है
ढूंढ ले खामियां उसकी हजार पर
दिल तो आज भी बेहतर उसी को बताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
सपने देखता है नई दुनिया बसाने के तू
नींद तेरी आज भी वही चुराता है
बेख्याल होने का करले तमसील भले
मिलने का ख्याल तो आज भी सताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….