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Mooh pe ungali rakho

मुंह पे उंगली रखो तमाशा मत करो।
है चुप रहने की दवा मना मत करो।।

राम लाल जी बोले अपनी बीवी से
बीवी बड़ी भयंकर थी
जटा खोलें शिव शंकर थी
नेत्रों से ऐसी फूटी ज्वाला
“पीछे हटो ” कहकर
धक्का दे डाला।

शब्द बाणों के तो अपने विवाह दिवस से ही
राम लाल जी थे आदी
धक्का खाकर आज पता चला
क्या होती है शादी।

थोड़ी सी टूटी कमर
थोड़ी सी निकली आह
यह वही पत्नी थी
जिसको पाने के लिए मांगी थी दुआ
दुआ का प्रसाद क्या दे गया भगवान
पूजा की थी 5 साल
लेकर इस लड़की का नाम।

लेकिन अब लड़की बन गयी देवी
सो देवी पूजा उतारने को तैयार
जब भी कुछ बोले राम लाल जी
सीखा देती बोलने का शिष्टाचार।

किन्तु आज मामला हो गया था गर्म
भूल गए थे राम लाल जी पति धर्म
तो धर्म था पत्नी को ले जाना फिल्म दिखाने
और लाल जी घर चले आये गुन-गुनाते गाने।

तो इस तरह पत्नी के सपनों को खाक में मिलाकर
ढाई घंटे तक मेकअप की तपस्या करवाकर
आते ही बोल पड़े जानू आज क्या है खाने में
भूल गए सुबह वादा हुआ था फिल्म देखने जाने में।
फिल्म के साथ, बाहर खाने का भी था विचार
पत्नी ने तो कर भी दिया आस-पड़ोस में प्रचार
लेकिन पति देव आये पूरे दो घंटे लेट
गुस्सा तो आया कि कर दें दो-तीन थप्पड़ भेंट
किन्तु पत्नी थी क्षमाशील और दयावान
दो-तीन अपशब्द और एक धक्के से चलाया काम।

लेकिन पत्नी की इस हायतौबा ने
राम लाल जी का दिल कर दिया घायल
क्यों कि वो दो घंटे की देर इसलिए
खरीदने लगे थे पत्नी के लिए पायल
वही पायल जो दो दिन पहले पत्नी को
खूब पसंद थी आयी
और आज राम लाल जी की
रुकी सैलरी अचानक से आयी
ख़ुशी से लाल जी चले गए बाजार
आज पत्नी को पायल देनी उपहार
और बताना चाहते थे कितना है
दिल में पत्नी के लिए प्यार
किन्तु उससे पहले पत्नी ने बता दिया।

 

Title: Mooh pe ungali rakho

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Nazraan nazraan da farak || True attitude shayari

Nazraan nazraan da farak aa sajhna
Kise nu zehar lagde aa te kise nu shehad

ਨਜ਼ਰਾਂ ਨਜ਼ਰਾਂ ਦਾ ਫਰਕ ਆ ਸੱਜਣਾ
ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਜ਼ਹਿਰ ਲਗਦੇ ਆਂ ਤੇ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਸ਼ਹਿਦ 

Title: Nazraan nazraan da farak || True attitude shayari


Urdu Ghazal or Shayari

یہ جو عشق کے مرحلے ہیں ان سے تو ہم کوسوں دور ہی بیٹھے ہیں

تشکیل لفظوں کی دیکھ کر وہ تو ہمیں ہی عاشق مزاج سمجھ بیٹھے ہیں

YEH JO ISHQUE KE MARHALE HAIN IN SE TO HUM KOSON DOOR HI BAITHE HAIN

TASHKEEL LAFZON KI DEKH KAR WO TO HAMAIN HI AASHIQUE MIZAAJ SAMAJH BAITHE HAIN

Title: Urdu Ghazal or Shayari