“Adhure Se Rishto ki khwahish nhi ab mujhe..
kre jo Wajud ko muqammal mere,
wo shaksh chahiye….”
By Nazreen khan…
Enjoy Every Movement of life!
“Adhure Se Rishto ki khwahish nhi ab mujhe..
kre jo Wajud ko muqammal mere,
wo shaksh chahiye….”
By Nazreen khan…
पुरानी album खोलो तो पता चलता है कितना वक्त बीत गया है 💔🍂
मुझे भी तीर की तरह बहुत कुछ चुभता हैं 🥺
बस एक तस्वीर की तरह खामोश रहती हुं😶
खामोशियां मेरी मुझसे बातें करती है
हर दर्द खामोशियों का समझती रहती हूं
खामोशी की तह में छुपा कर उलझनें
मुश्किलें अपनी ऐसे आसान कर लेती हूं
पहले उलझती थी बात- बात पर
अब ख़ामोशी से हार मान लेती हूं😊