हर रात के बाद की बातें
हर रात तेरी वो यादें
जो गुजरी हमपे ना गुजरे तुझपे
ना हम जाने, ना तू जाने
मोहब्बत वाली बातें
वो ईश्क भरी सौगातें
तू जुदा हुआ, हम फना हुए
ना हम जाने, ना तू जाने
रात का जाना, सुबह का आना
हर सुबह फिर एक नया बहाना
बहाने में क्या क्या बातें बनाते?
ना हम जाने, ना तू जाने
ये ईश्क नहीं आसान रहा
जमीन पे कहा आसमान रहा?
बदला मौसम, बिछड़ी यादें
ना हम जाने, ना तू जाने
तेरी गलियों से हम गुजरा करे
कभी तू मेरी गलियों से गुजरे
जमाने का क्या हशर हुआ फिर
ना हम जाने, ना तू जाने
सौगात-ए-ईश्क, हश्र-ए-मोहब्बत
तुझे चाहूं मैं, ये मेरी शिद्दत
पी जाऊं ये जाम घोल के, जैसे घूंट हो अमृत के
अंजाम क्या हो तेरे बाद ईश्क का?
ना हम जाने, ना तू जाने
तीखीनजरें, गीले होंठ
नैन तेरे उफ्फकजरारे
हुआ मुशायराशुरू ईश्क का
खतम हुआ तेरे चेहरे पे
शायरों ने क्या गज़ललिखी फिर
ना हम जाने, ना तू जाने
Quoted by– Aria