Naseeb Apna Hai Ruthe Hue Sanam Ki Tarah
Agar Khushi Kabhi Milti Bhi Hai To Gham Ki Tarah.
Rekhta Pataulvi
Naseeb Apna Hai Ruthe Hue Sanam Ki Tarah
Agar Khushi Kabhi Milti Bhi Hai To Gham Ki Tarah.
Rekhta Pataulvi
याद
क्या है याद?
कुछ बातें
कुछ मुलाकातें
अलबम में रखी तस्वीरें
ज़हन में घूमती तकरीरें
बारिशों में प्यास
शाम करें उदास
नींद का ख़्वाब
या फिर मिलने की फ़रियाद
क्या है याद??
अब कोई भी शायरी तुझे तड़पाती होगी !
सच बता मेरी याद तो आती होगी ?
मौसम की हर बहारों से मांगा था !
मैंने तुझको टूटते तारों से मांगा था |
जुदा होके तू शायद ही जी पाती होगी !
सच बता मेरी याद तो आती होगी ?
ख़ैर अब मैं भी तुझे भूल रहा हूं !
गलतियां सारी कबूल रहा हूं |
मेरी तस्वीरें तुझे बड़ा सताती होगी !
सच बता मेरी याद तो आती होगी ?