ਉਹਦੀ ਯਾਦ ਨੇ ਅੱਜ ਫਿਰ ਮੈਨੂੰ ਰੁਲਾ ਦਿਤਾ
ਦੋ ਲਫਜ਼ ਲਿਖਣੇ ਨੀ ਆਉਂਦੇ ਸੀ
ਉਹਦੇ ਪਿਆਰ ਨੇ ਸ਼ਾਇਰ ਬਣਾ ਦਿਤਾ
ohdi yaad ne ajh fir mainu rulaa dita
do lafz likhne nahi aunde c
ohde pyaar ne shayar bna dita
ਉਹਦੀ ਯਾਦ ਨੇ ਅੱਜ ਫਿਰ ਮੈਨੂੰ ਰੁਲਾ ਦਿਤਾ
ਦੋ ਲਫਜ਼ ਲਿਖਣੇ ਨੀ ਆਉਂਦੇ ਸੀ
ਉਹਦੇ ਪਿਆਰ ਨੇ ਸ਼ਾਇਰ ਬਣਾ ਦਿਤਾ
ohdi yaad ne ajh fir mainu rulaa dita
do lafz likhne nahi aunde c
ohde pyaar ne shayar bna dita
कड़ी धूप हो या हो शीतकाल,
हल चलाकर न होता बेहाल.
रिमझिम करता होगा सवेरा,
इसी आस में न रोकता चाल.
खेती बाड़ी में जुटाता ईमान,
महान पुरूष हैं, है वो किसान.
छोटे-छोटे से बीज बोता,
वही एक बड़ा खेत होता.
जिसकी दरकार होती उसे,
बोकर उसे वह तभी सोता.
खेतो का कण-कण हैं जिसकी जान,
महान पुरूष है, है वो किसान.
तरुण चौधरी
आज दीदार ना हुआ उनका एक बार भी, नाराज से लगते हैं..
सुनाई देती है जैसे ही दस्तक कोई, बार- बार दरवाजे पे भगते हैं..
हर बार कोई और होता है, ख्वाब टूट जाता है, नींद से जगते हैं..
अरे कोई तो खबर करदो उन्हें, इंतजार में हैं, वो अपने से लगते हैं..❤️