Ajeeb rang Chad reha e mohobbat da
Dil de chawan ch tu..!!
Chalde saahan ch tu..!!
Vagdiya thandiya Jo hawawan ch tu..!!
Meri manzil ch tu..!!
Mere rahwaan ch tu..!!
Har mosm ch tu..!!
Dhup shawan ch tu..!!
Akhan khuliya ch v tu..!!
Akhan band vi tu..!!
Har saah ch tu..!!
Ang sang vi tu..!!
Har nakhre ch tu..!!
adawan ch tu..!!
Sachii mohobbat ch tu..!!
Ishq wafawan ch tu..!!
shanti vi tu..!!
Man da raula vi tu..!!
Mera rabb vi tu..!!
Allah maula vi tu..!!
Dil jaan vi tu..!!
Mera jahan vi tu..!!
Mohobbat da har ik gaan v tu..!!
Ishq ch tu..!!
Roohaniyt ch tu..!!
Har insan ch tu..!!
Insaniyt ch tu..!!
Har ehsas ch tu..!!
Aam khaas ch tu..!!
Har dua ch tu..!!
Umeed aas ch tu..!!
Sukun vi tu..!!
Junoon vi tu..!!
Jithe dekha sajjna bas tu hi tu..!!
ਅਜ਼ੀਬ ਰੰਗ ਚੜ ਰਿਹਾ ਏ ਮੋਹੁੱਬਤ ਦਾ..
ਦਿਲ ਦੇ ਚਾਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਚਲਦੇ ਸਾਹਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਵਗਦੀਆਂ ਠੰਡੀਆਂ ਜੋ ਹਵਾਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਮੇਰੀ ਮੰਜ਼ਿਲ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਮੇਰੇ ਰਾਹਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਹਰ ਮੌਸਮ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਧੁੱਪ ਛਾਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਅੱਖਾਂ ਖੁੱਲੀਆਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਅੱਖਾਂ ਬੰਦ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਹਰ ਸਾਹ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਅੰਗ ਸੰਗ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਹਰ ਨੱਖਰੇ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਅਦਾਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਸੱਚੀ ਮੋਹੁੱਬਤ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਇਸ਼ਕ ਵਫ਼ਾਵਾਂ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਸ਼ਾਂਤੀ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਮਨ ਦਾ ਰੌਲਾ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਮੇਰਾ ਰੱਬ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਅੱਲ੍ਹਾ ਮੌਲਾ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਦਿਲ ਜਾਨ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਮੇਰਾ ਜਹਾਨ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਮੋਹੁੱਬਤ ਦਾ ਹਰ ਇੱਕ ਗਾਣ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਇਸ਼ਕ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਰੂਹਾਨੀਯਤ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਹਰ ਇਨਸਾਨ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਇੰਸਾਨੀਯਤ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਹਰ ਅਹਿਸਾਸ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਆਮ ਖ਼ਾਸ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਹਰ ਦੁਆ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਉਮੀਦ ਆਸ ‘ਚ ਤੂੰ..!!
ਸੁਕੂਨ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਜਨੂਨ ਵੀ ਤੂੰ..!!
ਜਿੱਥੇ ਦੇਖਾਂ ਸੱਜਣਾ ਬਸ ਤੂੰ ਹੀ ਤੂੰ..!!