ਪਾਣੀ ਦਰਿਆ ਚ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਅੱਖਾਂ ਚ, 👀 ਗਹਿਰਾਈ ਤੇ ਰਾਜ ਦੋਵਾਂ ਚ ਹੁੰਦੇ ਆ ….!
Pani dariya ch hove ja akha ch, 👀 ghariyan te Raj dova ch hunda ae…!
ਪਾਣੀ ਦਰਿਆ ਚ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਅੱਖਾਂ ਚ, 👀 ਗਹਿਰਾਈ ਤੇ ਰਾਜ ਦੋਵਾਂ ਚ ਹੁੰਦੇ ਆ ….!
Pani dariya ch hove ja akha ch, 👀 ghariyan te Raj dova ch hunda ae…!
अंकुर मिट्टी में सोया था सपने मै खोया था
नन्हा बीज हवा ने लाकर एक जगह बोया था।
तभी बीज ने ली अंगड़ाई देह जरा सी पाई
आंख खोलकर बाहर आया, दुनिया पड़ी दिखाई
खाद्य मिली पानी भी पाया ऐसे जीवन आया
ऊपर बड़ा इधर, धरती में नीचे उधर समाया।
तने डालिया पत्ते आए और फल मुस्कराए
नन्हा बीज वृक्ष बनकर धरती पर लहराए।
जीता मरता रोगी होता दुख आने पर सोता
वृक्ष सांस लेता बढ़ता है जगता है फिर सोता।
रोज शाम को चिड़िया आती सारी रात बिताती
बड़े सवेरे जाग वृक्ष, पर ची ची ची ची गाती।
छाया आती बड़ी सुआती सब टोली झूट जाती
तरह तरह के खेल वर्क्ष के नीचे बैठ रचती।
Aukhiya rahwa ne ishq diya,,
Kite dol na jawi..
Hath chadd ke adh vichale sajjna,,
Kite rol Na jawi..
ਔਖੀਆ ਰਾਹਵਾਂ ਨੇ ਇਸ਼ਕ਼ ਦੀਆ ,,
ਕਿਤੇ ਡੋਲ ਨਾ ਜਾਵੀਂ ।।
ਹੱਥ ਛੱਡ ਕੇ ਅੱਧ ਵਿਚਾਲੇ ਸੱਜਣਾ ,,
ਕਿਤੇ ਰੋਲ ਨਾ ਜਾਵੀਂ ।।