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Paini sabnu vichodeyan di maar || Punjabi shayari || life shayari || sad but true shayari

lok khedan aaye din chaar || punjabi true shayari || life shayari

Eh rabb di banayi hoyi awalli duniya
Lok vassde lakhan hazaar ethe..!!
Koi daultaan paun di chahat ch e betha
Koi labbda firda e pyar ethe..!!
Koi dil laga k beth gaya e kise naal
Koi karda pith pishe vaar ethe..!!
Jo sbnu hasaun te lagga hoyia
Ohi paya Ronda mein yaar ethe..!!
Marde hoye de piche sb Ron aunde
Jionde jee Na lenda koi saar ethe..!!
Kise dardaan si hadd ne maar mukayeya
Koi labbe khushiyan di bahar ethe..!!
Mumkin nahi koi sari umar sath dewe
Lok khedan aaye din char ethe..!!
“Roop” duniya e rabb de rang tamashe
Paini sbnu vichodeyan di maar ethe..!!

ਇਹ ਰੱਬ ਦੀ ਬਣਾਈ ਹੋਈ ਅਵੱਲੀ ਦੁਨੀਆਂ
ਲੋਕ ਵੱਸਦੇ ਲੱਖਾਂ ਹਜ਼ਾਰ ਇੱਥੇ..!!
ਕੋਈ ਦੌਲਤਾਂ ਪਾਉਣ ਦੀ ਚਾਹਤ ‘ਚ ਏ ਬੈਠਾ
ਕੋਈ ਲੱਬਦਾ ਫ਼ਿਰਦਾ ਏ ਪਿਆਰ ਇੱਥੇ..!!
ਕੋਈ ਦਿਲ ਲਗਾ ਕੇ ਬੈਠ ਗਿਆ ਏ ਕਿਸੇ ਨਾਲ
ਕੋਈ ਕਰਦਾ ਏ ਪਿੱਠ ਪਿੱਛੇ ਵਾਰ ਇੱਥੇ..!!
ਜੋ ਸਭਨੂੰ ਹਸਾਉਣ ਤੇ ਲੱਗਾ ਹੋਇਆ
ਓਹੀ ਪਾਇਆ ਰੋਂਦਾ ਮੈਂ ਯਾਰ ਇੱਥੇ..!!
ਮਰਦੇ ਹੋਏ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਸਭ ਰੋਣ ਆਉਂਦੇ
ਜਿਓੰਦੇ ਜੀਅ ਨਾ ਲੈਂਦਾ ਕੋਈ ਸਾਰ ਇੱਥੇ..!!
ਕਿਸੇ ਦਰਦਾਂ ਦੀ ਹੱਦ ਨੇ ਮਾਰ ਮੁਕਾਇਆ
ਕੋਈ ਲੱਭੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦੀ ਬਹਾਰ ਇੱਥੇ..!!
ਮੁਮਕਿਨ ਨਹੀਂ ਕੋਈ ਸਾਰੀ ਉਮਰ ਸਾਥ ਦੇਵੇ
ਲੋਕ ਖੇਡਣ ਆਏ ਦਿਨ ਚਾਰ ਇੱਥੇ…!!
“ਰੂਪ” ਦੁਨੀਆਂ ਏ ਰੱਬ ਦੇ ਰੰਗ ਤਮਾਸ਼ੇ
ਪੈਣੀ ਸਭਨੂੰ ਵਿਛੋੜਿਆਂ ਦੀ ਮਾਰ ਇੱਥੇ..!!

Title: Paini sabnu vichodeyan di maar || Punjabi shayari || life shayari || sad but true shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


स्वर्ग की यात्रा || akbar birbal story

एक बार की बात है, राजा अकबर अपने दरबार में बैठकर कुछ विचार कर रहे थे। तभी अचानक उन्हें ख्याल आया कि उनकी दाढ़ी और बाल काफी बढ़ गए हैं। इस ख्याल के आते ही उन्होंने अपने एक दरबारी को बुलाकर नाई को फौरन हाजिर होने का संदेश भिजवाया। राजा का संदेश मिलते ही नाई महल पहुंच गया।

महल पहुंचकर नाई राजा की हजामत बना ही रहा था कि कहीं से एक कौवा वहां आकर बैठ जाता है और कांव-कांव करने लगता है। राजा अकबर नाई से पूछते हैं, “यह कौवा कांव-कांव क्यों कर रहा है?” इस पर नाई जवाब देता है, “यह आपके पूर्वजों का हाल-चाल बताने आया है।”

नाई के इतना कहते ही राजा अकबर आश्चर्य से पूछते हैं, “तो बताओ फिर यह कौवा मेरे पूर्वजों के बारे में आखिर क्या बता रहा है?”

राजा के इस सवाल पर नाई कहता है, “यह कौवा कह रहा है कि आपके पूर्वज स्वर्ग में मुसीबत में हैं और काफी परेशान हैं। उनका हालचाल लेने के लिए आपको अपने किसी करीबी को स्वर्ग भेजना चाहिए।”

नाई की यह बात सुनकर राजा अकबर और भी हैरान हो जाते हैं। राजा अकबर आश्चर्य से नाई से पूछते हैं, “आखिर किसी इंसान को जिंदा स्वर्ग में कैसे भेजा जा सकता है?”

राजा के इस सवाल पर नाई जवाब देता है, “महाराज मेरी नजर में एक पुरोहित है, जो इस काम को अंजाम दे सकता है। बस आप इस काम के लिए अपने किसी करीबी को स्वर्ग जाने के लिए राजी कर लीजिए।”

नाई के इस आश्वासन पर राजा अकबर तैयार हो जाते हैं और दरबार में अपने सभी करीबी दरबारियों को बुलाते हैं। राजा के आदेश पर सभी करीबी दरबारी राजा अकबर के सामने हाजिर हो जाते हैं।

सभी दरबारी राजा से अचानक बुलाने की वजह पूछते हैं। इस पर राजा उन्हें नाई के साथ हुई सारी बात सुनाते हैं। राजा की बात सुनकर सभी दरबारी एक मत में बीरबल का नाम आगे रखते हैं। दरबारी कहते हैं कि स्वर्ग जाकर पूर्वजों का हाल-चाल लेने के लिए बीरबल से उचित व्यक्ति और कोई नहीं हो सकता, क्योंकि बीरबल हम सब में सबसे ज्यादा बुद्धिमान और चतुर है। इसलिए, स्वर्ग में आपके पूर्वजों का हाल-चाल लेकर वह उनकी परेशानी का हल आसानी से निकाल सकता है।

राजा अकबर दरबारियों की इस सलाह को मानते हुए बीरबल को स्वर्ग भेजने की तैयारी कर लेते हैं। इस बात का पता चलते ही बीरबल शहंशाह अकबर से पुरोहित को बुलाकर स्वर्ग भेजने की विधि के बारे में पूछते हैं।

बीरबल की इस बात पर राजमहल में पुरोहित को बुलवाया जाता है। पुरोहित के आते ही उनसे स्वर्ग जाने की विधि के बारे में पूछा जाता है। पुरोहित बताते हैं, “आपको यहीं पास में मौजूद एक घास के ढेर में भेजा जाएगा। बाद में उस ढेर में आग लगा दी जाएगी। फिर कुछ मंत्रों की शक्ति से आपको स्वर्ग भेज दिया जाएगा।”

स्वर्ग जाने की पूरी प्रक्रिया जानने के बाद बीरबाल राजा अकबर से करीब 11 दिन का समय मांगते हैं और पुरोहित को 11 दिन बाद बुलाने की बात रखते हैं। वह कहते हैं, “मैं स्वर्ग जा रहा हूं और कितने दिन मुझे लौटने में लगेंगे इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है। इसलिए, स्वर्ग जाने से पहले एक बार मैं अपने परिवार से मिलना चाहता हूं और कुछ समय बिताना चाहता हूं।”

बीरबल अपने घर जाने के लिए महल से रवाना हो जाते हैं। देखते-देखते 11 दिन बीत जाते हैं। 12वें दिन बीरबल स्वर्ग जाने के लिए राजा अकबर के सामने हाजिर होते हैं। पुरोहित को बुलाया जाता है और बीरबल को स्वर्ग भेजने की तैयारी की जाने लगती हैं।

पुरोहित बीरबल को स्वर्ग भेजने के लिए महल से कुछ दूर घास का एक ढेर लगवाते हैं। बीरबल को स्वर्ग भेजने के लिए घास के ढेर के अंदर भिजवाया जाता है। घास के ढेर के अंदर जाते ही पुरोहित घास के ढेर में आग लगा देते हैं और बीरबल को स्वर्ग भेजने की प्रक्रिया पूरी होती है।

धीरे-धीरे दो महीने बीत जाते हैं और राजा अकबर को बीरबल की चिंता होने लगती है। तभी अचानक बीरबल दरबार में हाजिर हो जाते हैं। राजा अकबर, बीरबल को देखकर प्रसन्न होते हैं और अपने पूर्वजों का हाल-चाल पूछते हैं।

तब बीरबल बताते हैं, “आपके पूर्वज काफी खुश हैं और मजे में हैं। उन्हें बस एक ही तकलीफ है कि उनकी दाढी और बाल काफी बड़े हो गए हैं, जिन्हें काटने वाला स्वर्ग में कोई नाई नहीं है। इसलिए, वहां उन्हें एक नाई की जरूरत है।”

बीरबल कहते हैं, “ऐसे में हमें आपके पूर्वजों के लिए एक अच्छे नाई को स्वर्ग भेजने की तैयारी करनी चाहिए।” बीरबल की इस बात पर राजा नाई को स्वर्ग जाने का आदेश देते हैं।

राजा का आदेश सुनकर नाई घबरा जाता है और राजा के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगता है। नाई राजा से कहता है कि यह सब कुछ उसने वजीर अब्दुल्लाह के कहने पर किया था। यह सब उन्हीं की साजिश थी, ताकि वह बीरबल को अपने रास्ते से हटा सकें। अब राजा अकबर के सामने सारी सच्चाई आ चुकी थी। ये सब जानने के बाद राजा अकबर ने वजीर अब्दुल्लाह और उनके साथियों को दंड देने का आदेश दिया।

अंत में राजा अकबर, बीरबल से पूछते हैं, “तुम्हें इस सच्चाई का पता कैसे चला और तुम घास के ढेर में आग लगने के बाद कैसे बच गए?” तब बीरबल जवाब देते हैं, “आग के ढेर में जाने कि बात सुनकर मुझे इस साजिश का अंदाजा हो गया था। इसी वजह से मैंने 11 दिन का समय मांगा था। उन 11 दिनों में मैंने उस घास के ढेर वाले स्थान के नीचे से अपने घर तक एक सुरंग बनवा दी थी। उस सुरंग के जरिए ही मैं वहां से बचकर निकल पाया।”

Title: स्वर्ग की यात्रा || akbar birbal story


Best Dil di shayari || NEEH PATHAR

Attitude ghaint shayari in punjabi || Je tu it aa chubaare wali main pathar haan neeh wala ek din aa k diggegi mere kol tu

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